अतिथि व्याख्याता संघ ने पूर्व मुख्यमंत्री से मांगा हस्तक्षेप
October 6, 2021रायपुर| अतिथि व्याख्याता संघ के प्रदेश सचिव श्री शरद तिवारी ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष से मुलाकात कर हस्तक्षेप की मांग की है| अतिथि व्याख्याता लंबे समय से तीन मांग – पूर्ण कालिक अवधि, मासिक वेतन मान, और स्थानांतरण से सुरक्षा हेतु प्रयासरत है |
छत्तीसगढ़ राज्य में 2012-13 के नियमानुसार अतिथि व्याख्याताओं को दिहाड़ी वेतन सीलिंग के अंतर्गत 800₹ प्रतिदिन दिया जा रहा है। भारत के अन्य राज्यों में अतिथि व्याख्याताओ़ को यूजीसी मापदंड अनुसार प्लेन (केवल स्नातकोत्तर) को 1000₹, पीएचडी धारक को 1200₹ नेट/सेट+पीएचडी धारक को 1500₹ भुगतान हो रहा है।
डा जया गुप्ता ने कहा कि पिछले आठ वर्ष से महंगाई बढ़ी है, और अतिथि व्याख्याता अपने व आश्रितों का पालन पोषण इसी वेतन से करते हैं। यूजीसी हमारे वेतन का लगभग 70-80% खर्च वहन करती है।अन्य राज्यों में 11 माह की पूर्णकालिक अवधि के कारण रोजगार और वेतन सुरक्षा भी दी जा रही है परंतु छत्तीसगढ़ राज्य में अक्टूबर से फरवरी माह तक ही रखा जाता है। हमने अनेकों बार वेतन वृद्धि की मांग की है लेकिन गत 8 वर्षों में महंगाई के अनुसार हमारे वेतन व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है!
रायपुर संभाग अध्यक्षा डा कंचन गिलहरे ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार गठन के बाद से ही अतिथि व्याख्याता हर विधायक एवं मंत्री से मुलाकात करते रहे हैं | जिनमें सिर्फ स्वास्थ्य मंत्री टीएस बाबा ने ही सकारात्मक आश्वासन दिया | अब तो मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री समय देकर हमारी मांग को सुनना भी नहीं चाहते हैं | छत्तीसगढ़ के अतिथि व्याख्याताओं को विपक्ष से हस्तक्षेप की उम्मीद है ताकि हमें जन घोषणा पत्रानुसार यदि नियमित नहीं कर सकें तो कम से कम संविदा व्यवस्था तो कर दिए जाऐं |
इसके साथ ही अतिथि व्याख्याता छात्र हित में पिछले दो वर्ष से वसूले गए – एडमिशन+जनभागीदारी +परीक्षा+अग्रेषण शुल्क का उपयोग मोबाइल टेबलेट बांटने में किया जाए| शासकीय महाविद्यालयों में पढ़ाई उच्च शिक्षा द्वारा सेंट्रलाईज्ड आनलाईन करा दी जा रही है | जिससे 2021-22 सत्र की पढ़ाई आनलाईन तो परीक्षा आनलाईन हो|
अतिथि व्याख्याताओ की मांग पर सहमति देते हुए जन घोषणा पत्र के वादों के अनुसार लाभ दिए जाने की बात पर डा रमन सिंह ने सहमति दी है और मांग पत्र को महामान्या राज्यपाल को भेज दिया है|