संस्कृत सप्ताह समारोह का समापन आर्ष ज्योति गुरूकुल आश्रम एवं संस्कृति भारती महासमुंद में उत्साहमय वातावरण में संपन्न हुआ

संस्कृत सप्ताह समारोह का समापन आर्ष ज्योति गुरूकुल आश्रम एवं संस्कृति भारती महासमुंद में उत्साहमय वातावरण में संपन्न हुआ

August 26, 2021 0 By Central News Service


महासमुंद 26 अगस्त 2021/आर्ष ज्योति गुरुकुल आश्रम एवं संस्कृत भारती महासमुंद के संयुक्त रूप में संस्कृतसप्ताह का समापन समारोह 25 अगस्त 2021 बुधवार को प्रातः 10 से 12 बजे बड़े ही धूमधाम से उत्साहमय वातावरण में मनाया गया । इस शुभ अवसर पर शदाणी दरबार के संत युधिष्ठिर लाल जी महाराज संस्कृत विद्या मंडल के सचिव राजेश सिंह जी सहायक संचालक पूर्णिमा पांडे जी एवं सहायक संचालक भरत लाल साहू जी उपस्थित रहे। संस्कृत सप्ताह के समापन अवसर पर गुरुकुल के ब्रह्मचारी नंदलाल एवं उनके टीम ने संस्कृत गीत संगीत में प्रस्तुत किया।

संस्कृत भारती के अध्यक्ष आचार्य सुखेंद्र द्विवेदी जी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि महासमुंद जिले के अनेक विद्यालयों एवं अनेक स्थानों पर संस्कृत सप्ताह में विविध कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं जिनका समापन आज अपने अपने स्थान पर किया जा रहा है। उन्होंने आग्रह पूर्वक निवेदन किया कि संस्कृत के बारे में नहीं बल्कि संस्कृत में बोलिए। (वदतु संस्कृतम् जयतु संस्कृतम्, वयं वदामःसंस्कृतभाषा, गेहेगेहे संस्कृतभाषा,)के जय घोषकराया । संस्कृत विद्या मंडल सचिव राजेश सिंह जी ने संस्कृत को रोजगार मुखी बनाने के लिए विद्या मंडल के द्वारा चार विषयों पर डिप्लोमा कोर्स शुरू होने की बात बताई। जिसमें ज्योतिष पौरोहित्य प्रवचन, एवं योग दर्शन, जिसे 12वीं पास करने के बाद विद्यार्थी 1 साल में करके और अपने पास एक अधिकृत डिग्री धारी हो सकेंगे। युधिष्ठिर जी महाराज ने कहा संस्कृत में संपूर्ण विज्ञान समाहित है आज दुनिया के अनेक देशों में संस्कृत को सर्वोच्च स्थान प्राप्त हो रहा है किंतु हमारा दुर्भाग्य है कि हमारे देश में ही संस्कृत का ह्रास हो रहा है। संस्कृत के बिना सब व्यर्थ बताया। कन्या गुरुकुल आम सेना की छात्राओं ने भी ओजपूर्ण संस्कृत में भाषण के प्रस्तुति दी और संस्कृत के अथाह ज्ञान संपदा का बखान किया। इस अवसर पर सत आधिक गुरुकुल के ब्रह्मचारी एवं सत आधिक ग्राम के विभिन्न गणमान्य नागरिक एवं अध्ययनरत विद्यार्थियों के माता-पिता और अनेक अतिथि उपस्थित रहे।