जिला बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले का अपने ही विभाग में अनियमितता का आरोप लगा कर आमरण अनशन में बैठे को अलका चंद्राकर का समर्थन मिला
May 16, 2021संपादक मनोज गोस्वामी CNS NEWS
महासमुंद 16 मई 2021– जिला बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले ने अपने ही विभाग के ऊपर अनियमितता का आरोप लगा कर आमरण अनशन में बैठ गए है , जिसको अनेक राजनीतिक पार्टी के अलावा व्यक्ति विशेष भी समर्थन मिल रहा है , वही आज भारतीय जनता पार्टी के महिला मोर्चा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य एवं जिला संयोजक बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अलका चंद्राकर ने सुधाकर बोदले के मांग को जायज ठहराते हुए इस अनियमितता लिप्त लोगों को सख्त से सख्त सजा दिलाने एवं निष्पक्ष जांच कराने हेतु सुधाकर बोदले को अनियमितता के खिलाफ लड़ाई में अपने समर्थन दिया है।
ज्ञात हो कि जिलें में विगत 2 वर्षों से मुख्यमंत्री कन्या विवाह उपहार सामग्री क्रय में हुई 20 लाख की अनियमितता और महासमुंद ब्लॉक में मई माह हेतु वितरित रेडी टू ईट में हुई 10 लाख की अनियमितता पर कार्यवाही की माँग के साथ जिले के जिला महिला बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले 16 मई को प्रातः 10 बजे से अपने निवास पर अनशन पर बैठ गए है ।
मामला है लाखों की धोखाधड़ी का महासमुंद ब्लॉक में वर्ष 2020 और 2021 में कुल 400 जोड़ों का कन्या विवाह संपन्न हुआ था । वर्ष 2020 में टेंडर की पूरी प्रक्रिया बोदले के जिला कार्यक्रम अधिकारी के पद पर पदस्थ रहते हुए की गई थी । उनके कार्यकाल में क्रयसमिति द्वारा उच्च गुणवत्तापूर्ण ब्रांडेड उपहार सामग्री का चयन क्रय समिति द्वारा किया गया था । उनके बाद जिले में पदस्थ जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा बिना क्रय समिति के अनुमोदन के अन्य फर्म को वर्क आर्डर दे दिया गया । अन्य फर्म द्वारा गुणवत्ताहीन उपहार सामग्री आपूर्ति की गई जिसका बाज़ार मूल्य पूर्व चयनित सामग्री 50 % लगभग था । इस अनियमितता पर जाँच प्रतिवेदन सुधाकर बोदले द्वारा शासन और जिला प्रशासन को अप्रैल 2020 में प्रेषित किया गया । मीडिया ने भी इस प्रकरण को प्रमुखता से उठाया गया । सामग्री गुणवत्ताहीन थी इसलिए तत्कालीन कलेक्टर द्वारा उसके वितरण पर रोक लगा दी गई । इसके बाद मामला ठंडा पड़ते ही 10 माह बाद जनवरी 2021 में वही गुणवत्ताहीन सामग्री हितग्राहियों को पुनः वर्तमान पदस्थ जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा वितरित करवा दी गई । इसी प्रकार वर्ष 2021 के कन्या विवाह में पुनः गुणवत्ताहीन सामग्री हितग्राहियों को वितरित की गई । जिसका बाज़ार मूल्य फर्म को भुगतान की गई राशि का 50 % ही था । वर्ष 2021 में कई बर्तन सामग्री इतनी गुणवत्ताहीन थी कि उनका 1 बार भी उपयोग हितग्राहियों द्वारा नही किया जा सका । वो बर्तन पिचक कर चपटे हो गए थे ।
एक अन्य प्रकरण में महासमुन्द ब्लॉक में मई 2021 हेतु प्रदायित रेडी टू ईट ब्लॉक के 15 सेक्टरों में से 11 सेक्टरों में 50 % गुणवत्ता से भी कमतर पाई गई । सुधाकर बोदले द्वारा महासमुन्द ब्लॉक के CDPO को अप्रैल माह में बार बार निर्देशित करने के उपरांत भी गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु कोई प्रयास नही किया गया अपितु रेडी टू ईट की अनियमितता को उनके द्वारा संरक्षण दिया गया । यह अनियमितता लगभग 10 लाख रुपये की है ।
इन दोनों प्रकरणों पर कार्यवाही के लिए सुधाकर बोदले द्वारा प्रतिवेदन सतत उच्च अधिकारियों को प्रेषित किया गया, परन्तु जिम्मेदार शासकीय अमले पर कोई कार्यवाही नही होने और ज़रूरतमंद महिलाओं और बच्चों को उनका अधिकार दिलाने के लिए सुधाकर बोदले ने आज 16 मई से अनशन पर बैठ कर सत्याग्रह शुरू कर दिया है। जिसका समर्थन के रुप में अलका चंद्राकर ने भी किया है ।
अलका चंद्राकर ने कहा कि सुधाकर बोदले जी जो कर रहे है वह एक साहसी कदम है जिसमें स्वयं एक अधिकारी अपने विभाग के खिलाफ जाकर जंग लड़ना साहस का कदम है और ऐसे साहसी व्यक्ति का पुरी जोर के साथ समर्थन करती हूं , और निष्पक्ष जांच की मांग करती हूं।