कांग्रेस के डर से किसानों को धान की 3100 कीमत देने को मजबूर साय सरकार,,,कांग्रेस मांग करती है बचे 3 लाख किसानों का भी धान खरीदा जाये

कांग्रेस के डर से किसानों को धान की 3100 कीमत देने को मजबूर साय सरकार,,,कांग्रेस मांग करती है बचे 3 लाख किसानों का भी धान खरीदा जाये

February 7, 2025 0 By Central News Service

किसानों को धान का 3217 रू. भुगतान मिलना चाहिए – कांग्रेस

रायपुर/07 फरवरी 2025। कांग्रेस के डर से भाजपा किसानों को धान की कीमत 3100 देने को मजबूर है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा की रमन सरकार में 15 सालों तक किसानों को 1400 से 1600 रू. में ही धान खरीदा जाता था। कांग्रेस की भूपेश सरकार ने 5 वर्ष तक 2500 रू. में धान खरीदा था अतः राजनैतिक मजबूरी में भाजपा 3100 रू. में खरीदने को मजबूर हुई लेकिन वादा करके भी एकमुश्त भुगतान नहीं किया और न ही नगदी भुगतान के लिए पंचायतों में काऊंटर बनाया। किसानों को इस वर्ष धान का भुगतान 3217 रू. से मिलना चाहिए। भाजपा ने 3100 रू. कीमत देने का वादा अपने घोषणा पत्र में किया था। इस वर्ष धान का समर्थन मूल्य 117 रू. बढ़ा है अतः राज्य सरकार किसानों को 3100 रू. + 117 रू. = 3217 रू. का भुगतान करे। कांग्रेस सरकार ने भी किसानों को समर्थन मूल्य बढ़ने 2500 रू. के बदले 2640 रू. का भुगतान दिया था।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा आदतन किसान विरोधी है। इस वर्ष भी सरकार ने 3 लाख किसानों का धान नहीं खरीदा है। लक्ष्य से 15 लाख मीट्रिक टन कम धान की खरीदी हुई है। इस वर्ष किसानों की पैदावार अधिक हुई है। प्रदेश में अनुमानतः 200 लाख मीट्रिक टन धान की पैदावार हुई है। सरकार ने लक्ष्य 160 लाख मीट्रिक टन रखा था लेकिन उतना भी पूरा नहीं खरीदा। कांग्रेस मांग करती है बचे 3 लाख किसानों का भी धान खरीदा जाये।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सरकार की अपेक्षा, उदासीनता और बदइंतजामी के चलते ही छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार किसान अपने उपज को बेचने के लिए इतना परेशान हुआ। बारदाना की व्यवस्था से लेकर टोकन को लेकर पूरा सिस्टम लगातार बाधित होते रहा। मिलिंग और समय पर परिवहन करवाने में यह घोर लापरवाही बरती गई, पूर्ववर्ती सरकार में 72 घंटे के भीतर धान संग्रहण केंद्रों से धान के उठाव का जो नियम था उसे भी साय सरकार ने दुर्भावना पूर्वक बदल दिया। भाजपा सरकार की अकर्मण्यता के चलते ही प्रदेश के लाखों किसान अब तक अपना धान बेचने से वंचित रहे।