लोकप्रिय नेता, ओजस्वी वक्ता सुषमा स्वराज का दिल का दौरा पड़ने से निधन
August 6, 2019
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का आज दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 67 वर्ष की थीं। उन्हें रात को दिल का दौरा पड़ने के बाद अचेत अवस्था में दिल्ली के एम्स अस्पताल लाया गया था। अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि स्वराज को रात 10 बजकर 15 मिनट पर अस्पताल लाया गया और उन्हें सीधे आपातकालीन वॉर्ड में ले जाया गया। सुषमा स्वराज का स्वास्थ्य पिछले कुछ समय से ठीक नहीं चल रहा था इसीलिए उन्होंने इस साल लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ा था और मोदी सरकार में कोई पद भी नहीं लिया था। यही नहीं नयी सरकार बनने के कुछ ही दिनों के भीतर उन्होंने अपना वह सरकारी बंगला भी खाली कर दिया था जिसमें वह बतौर विपक्ष की नेता और विदेश मंत्री के रूप में रही थीं।
प्रधान मंत्री जी – आपका हार्दिक अभिनन्दन. मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी. @narendramodi ji – Thank you Prime Minister. Thank you very much. I was waiting to see this day in my lifetime.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) August 6, 2019
इससे पहले सुषमा को एम्स लाये जाने की खबर आते ही कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का यहां आने का सिलसिला शुरू हो गया था। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, भाजपा उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान समेत कई वरिष्ठ नेता एम्स पहुँचे।
सुषमा स्वराज ने लोकसभा में अनुच्छेद 370 को समाप्त किये जाने संबंधी संकल्प पर खुशी जताते हुए देर शाम को ट्वीट किया था, ‘प्रधान मंत्री जी- आपका हार्दिक अभिनन्दन। मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी। सुषमा स्वराज मोदी सरकार में विदेश मंत्री रहने के अलावा लोकसभा में विपक्ष की नेता रह चुकी हैं। इसके अलावा उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तीनों सरकारों में केंद्रीय मंत्री पद की जिम्मेदारी निभाई थी। सुषमा स्वराज दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री भी रहीं। वह हरियाणा सरकार में भी कैबिनेट मंत्री रह चुकी थीं। सुषमा स्वराज दिल्ली की हौज खास सीट से विधायक रही हैं इसके अलावा सुषमा स्वराज संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की सदस्य रही हैं। लोकसभा में तो उन्होंने दक्षिणी दिल्ली संसदीय सीट और मध्य प्रदेश की विदिशा सीट का प्रतिनिधित्व किया। सुषमा स्वराज कर्नाटक के बेल्लारी से सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ी थीं लेकिन उन्हें हार का मुँह देखना पड़ा था।
सुषमा स्वराज ने विदेश मंत्री के पद पर रहते हुए ट्वीटर के माध्यम से देश-विदेश में रह रहे भारतीयों की कई समस्याओं को सुलझाया और उन्हें तत्काल मदद मुहैया कराई। सुषमा स्वराज ने बतौर विदेश मंत्री संयुक्त राष्ट्र में दिये गये अपने भाषणों से भी दुनिया का दिल जीता था। वह भारतीय नारी के प्रतीक के रूप में भी दुनिया में विख्यात थीं जो सदैव साड़ी पहने, माथे पर सिंदूर और बड़ी सी बिंदी लगाये मुसकुराहट के साथ सभी का स्वागत करती थीं। सुषमा स्वराज भाजपा की लोकप्रिय नेताओं और ओजस्वी वक्ता भी थीं। वह भारतीय राजनीति में अपनी एक अमिट छाप छोड़ कर गयी हैं। वह उन कुछ चुनिंदा नेताओं में से हैं जिनका इतने लंबे राजनीतिक जीवन में एक भी राजनीतिक विरोधी नहीं बना। सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल पूर्व राज्यपाल हैं और इस दंपति की एक बेटी बांसुरी हैं जो कि प्रख्यात वकील हैं।