एलआईसी में आईपीओ का विरोध – कर्मचारियों व अधिकारियों ने की अभूतपूर्व हड़ताल, बंद रहे कार्यालय केंद्र सरकार पर सोने का अंडा देने वाली संस्था को खत्म करने का लगाया आरोप
March 19, 2021
रायपुर । भारतीय जीवन बीमा निगम के सभी अधिकारी तथा कर्मचारी संगठनो के संयुक्त मंच द्वारा केंद्र सरकार द्वारा अपने 2021 के बजट प्रस्तावों के माध्यम से एलआईसी के आईपीओ जारी कर इसे शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध करने, बीमा उद्योग में एफ़डीआई की सीमा को 49 से 74% बढ़ाने तथा एलआईसी अधिनियम में परिवर्तन करने के कदमों के खिलाफ आज देशव्यापी हड़ताल का आव्हान किया था । एलआईसी में आईपीओ और बीमा क्षेत्र में एफ़डीआई सीमा वृद्धि के खिलाफ आयोजित यह हड़ताल मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में भी शतप्रतिसशत रही और एलआईसी कार्यालय पूर्णतः बंद रहे तथा कामकाज ठप्प रहा । मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ के सभी मंडलों एवं शाखा कार्यालयों में शतप्रतिशत हड़ताल रही तथा संयुक्त विरोध कार्यवाहियाँ संगठित की गई। भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, सतना, शहडोल, बिलासपुर, जबलपुर तथा रायपुर मण्डल के 140 से भी अधिक शाखाओं में कामकाज पूर्णतः ठप्प रहा तथा दफ्तरों के ताले भी नहीं खुले । सभी मण्डल कार्यालयों एवं शाखा कार्यालयों में सरकार के इन प्रस्तावों के विरोध में शानदार हड़ताली कार्यवाहियां आयोजित हुई, कई स्थानों पर रैलियाँ भी निकली गई । रायपुर में आयोजित मुख्य हड़ताली सभा पंडरी स्थित मण्डल कार्यालय में आयोजित की गई। इस हड़ताली सभा में क्लास 1 आफिसर्श फेडरेशन, एनएफ़आईएफ़डबल्यूआई, के साथी गण, ऑल इंडिया इंस्योरेंश पेंशनर एसोसियेशन तथा ऑल इंडिया इंस्योरेंश एम्प्लाईज़ एसोसियेशन के सदस्य भारी संख्या में उपस्थित थे। सभा को ऑल इंडिया इंस्योरेंश एम्प्लाईज़ एसोसियेशन के उपाध्यक्ष कामरेड बी सानयाल, सहसचिव व सीज़ेडआईईए महासचिव धर्मराज महापात्र, क्लास 1 आफिसर्श फेडरेशन के अध्यक्ष साथी धनंजय पाण्डेय, सचिव साथी एच के गड्पाल, क्षेत्रीय महिला समिति के अध्यक्षा साथी वीणा चन्दनगर, ऑल इंडिया इंस्योरेंश पेंशनर एसोसियेशन के सचिव अतुल देशमुख, एनएफ़आईएफ़डबल्यूआई के महासचिव साथी बीवीएस राजकुमार तथा आरडीआईईयू की महिला समिति की अध्यक्षा साथी गीता पंडित, सचिव अनुसूइया ठाकुर, एवं महासचिव सुरेन्द्र शर्मा ने संबोधित करते हुये सरकार पर सोने का अंडा देने वाली संस्था को खत्म करने का आरोप लगाया । सरकार के इस कदम को आत्मघाती बताते हुये नेताओं ने कहा कि देश की उन्नति में चाहे पंचवर्षीय योजनाओं में धन उपलब्ध करने का सवाल हो, शेयर बाजार के भूचालों के नियंत्रण का सवाल हो, सरकार की योजनाओं के लिए धन मुहैया करने का प्रश्न हो या फिर देश के हर उन संस्थानों को जो देश के अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए कार्य कर रहे हैं उन्हें धन मुहैया करने का सवाल हो या फिर सड़क, बिजली, नाली, निर्माण जैसे जनहितकारी योजनाओं के लिए धन की उपलब्धता सुनिश्चित करना इन हर कार्यों को भारतीय जीवन बीमा निगम बखूबी कर रही है । सरकार के साल भर के खर्चों का एक चौथाई हिस्सा अकेले भारतीय जीवन बीमा निगम ही उपलब्ध कराती है। फिर ऐसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली संस्था को निजीकरण की राह में धकेलना देश कि सार्वभौमिकता व आत्म निर्भरता को नीलाम करने का कदम है । आज आवश्यकता सार्वजनिक क्षेत्रों को मजबूत करने की है न की उन्हें कमजोर करने की, और सरकार का यह कदम बीमा उद्योग को कमजोर कर उनके पालिसिधारकों के मध्य अविश्वाश को बढ़ाने वाला ही साबित होगा । वक्ताओं ने सरकार से इन कदमों को तुरंत ही वापस लेने तथा इन्हें और अधिक मजबूत करने कदम उठाने की मांग करते हुये देश को सोने का अंडा देने वाली तमाम सार्वजनिक क्षेत्रों को सरकारी नियंत्रण में रखे जाने की मांग की । इस अवसर पर एआईबीईए के सचिव साथी शिरीष नलगुंडवार, सेना महासंघ के बैंक कर्मी नेता साथी पारस चोपड़ा तथा रायपुर के प्रख्यात चिकितसक बिपलव बंदोपाध्याय तथा आम बीमा कर्मी नेता यूनाइटेड इंडिया इंस्योरेंश के श्री पुरोहित, इंटुक के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री समीर पाण्डेय, जिलाध्यक्ष श्री आशीष दुबे ने भी संबोधित करते हुये बीमा कर्मचारियों के हड़ताल तथा मांगों का पूर्ण समर्थन किया । प्रदेश के पूर्व अपर मुख्य सचिव श्री बीकेएस रे ने भी बीमा उद्योग के निजीकरन के खिलाफ बीमा कर्मियों के संघर्ष के प्रति एकजुटता व्यक्त की । सभी वक्ताओं ने केंद्र सरकार से सरकार के इन कदमों को तत्काल रोकने की मांग की । इस हड़ताली सभी की अध्यक्षता आरडीआईईयू के अध्यक्ष कामरेड अलेक्जेंडर तिरकी ने किया ।
(धर्मराज महापात्र)
94252-05198
एलआईसी में आईपीओ का विरोध – कर्मचारियों व अधिकारियों ने की अभूतपूर्व हड़ताल, बंद रहे कार्यालय
केंद्र सरकार पर सोने का अंडा देने वाली संस्था को खत्म करने का लगाया आरोप
रायपुर । भारतीय जीवन बीमा निगम के सभी अधिकारी तथा कर्मचारी संगठनो के संयुक्त मंच द्वारा केंद्र सरकार द्वारा अपने 2021 के बजट प्रस्तावों के माध्यम से एलआईसी के आईपीओ जारी कर इसे शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध करने, बीमा उद्योग में एफ़डीआई की सीमा को 49 से 74% बढ़ाने तथा एलआईसी अधिनियम में परिवर्तन करने के कदमों के खिलाफ आज देशव्यापी हड़ताल का आव्हान किया था । एलआईसी में आईपीओ और बीमा क्षेत्र में एफ़डीआई सीमा वृद्धि के खिलाफ आयोजित यह हड़ताल मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में भी शतप्रतिसशत रही और एलआईसी कार्यालय पूर्णतः बंद रहे तथा कामकाज ठप्प रहा । मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ के सभी मंडलों एवं शाखा कार्यालयों में शतप्रतिशत हड़ताल रही तथा संयुक्त विरोध कार्यवाहियाँ संगठित की गई। भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, सतना, शहडोल, बिलासपुर, जबलपुर तथा रायपुर मण्डल के 140 से भी अधिक शाखाओं में कामकाज पूर्णतः ठप्प रहा तथा दफ्तरों के ताले भी नहीं खुले । सभी मण्डल कार्यालयों एवं शाखा कार्यालयों में सरकार के इन प्रस्तावों के विरोध में शानदार हड़ताली कार्यवाहियां आयोजित हुई, कई स्थानों पर रैलियाँ भी निकली गई । रायपुर में आयोजित मुख्य हड़ताली सभा पंडरी स्थित मण्डल कार्यालय में आयोजित की गई। इस हड़ताली सभा में क्लास 1 आफिसर्श फेडरेशन, एनएफ़आईएफ़डबल्यूआई, के साथी गण, ऑल इंडिया इंस्योरेंश पेंशनर एसोसियेशन तथा ऑल इंडिया इंस्योरेंश एम्प्लाईज़ एसोसियेशन के सदस्य भारी संख्या में उपस्थित थे। सभा को ऑल इंडिया इंस्योरेंश एम्प्लाईज़ एसोसियेशन के उपाध्यक्ष कामरेड बी सानयाल, सहसचिव व सीज़ेडआईईए महासचिव धर्मराज महापात्र, क्लास 1 आफिसर्श फेडरेशन के अध्यक्ष साथी धनंजय पाण्डेय, सचिव साथी एच के गड्पाल, क्षेत्रीय महिला समिति के अध्यक्षा साथी वीणा चन्दनगर, ऑल इंडिया इंस्योरेंश पेंशनर एसोसियेशन के सचिव अतुल देशमुख, एनएफ़आईएफ़डबल्यूआई के महासचिव साथी बीवीएस राजकुमार तथा आरडीआईईयू की महिला समिति की अध्यक्षा साथी गीता पंडित, सचिव अनुसूइया ठाकुर, एवं महासचिव सुरेन्द्र शर्मा ने संबोधित करते हुये सरकार पर सोने का अंडा देने वाली संस्था को खत्म करने का आरोप लगाया । सरकार के इस कदम को आत्मघाती बताते हुये नेताओं ने कहा कि देश की उन्नति में चाहे पंचवर्षीय योजनाओं में धन उपलब्ध करने का सवाल हो, शेयर बाजार के भूचालों के नियंत्रण का सवाल हो, सरकार की योजनाओं के लिए धन मुहैया करने का प्रश्न हो या फिर देश के हर उन संस्थानों को जो देश के अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए कार्य कर रहे हैं उन्हें धन मुहैया करने का सवाल हो या फिर सड़क, बिजली, नाली, निर्माण जैसे जनहितकारी योजनाओं के लिए धन की उपलब्धता सुनिश्चित करना इन हर कार्यों को भारतीय जीवन बीमा निगम बखूबी कर रही है । सरकार के साल भर के खर्चों का एक चौथाई हिस्सा अकेले भारतीय जीवन बीमा निगम ही उपलब्ध कराती है। फिर ऐसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली संस्था को निजीकरण की राह में धकेलना देश कि सार्वभौमिकता व आत्म निर्भरता को नीलाम करने का कदम है । आज आवश्यकता सार्वजनिक क्षेत्रों को मजबूत करने की है न की उन्हें कमजोर करने की, और सरकार का यह कदम बीमा उद्योग को कमजोर कर उनके पालिसिधारकों के मध्य अविश्वाश को बढ़ाने वाला ही साबित होगा । वक्ताओं ने सरकार से इन कदमों को तुरंत ही वापस लेने तथा इन्हें और अधिक मजबूत करने कदम उठाने की मांग करते हुये देश को सोने का अंडा देने वाली तमाम सार्वजनिक क्षेत्रों को सरकारी नियंत्रण में रखे जाने की मांग की । इस अवसर पर एआईबीईए के सचिव साथी शिरीष नलगुंडवार, सेना महासंघ के बैंक कर्मी नेता साथी पारस चोपड़ा तथा रायपुर के प्रख्यात चिकितसक बिपलव बंदोपाध्याय तथा आम बीमा कर्मी नेता यूनाइटेड इंडिया इंस्योरेंश के श्री पुरोहित, इंटुक के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री समीर पाण्डेय, जिलाध्यक्ष श्री आशीष दुबे ने भी संबोधित करते हुये बीमा कर्मचारियों के हड़ताल तथा मांगों का पूर्ण समर्थन किया । प्रदेश के पूर्व अपर मुख्य सचिव श्री बीकेएस रे ने भी बीमा उद्योग के निजीकरन के खिलाफ बीमा कर्मियों के संघर्ष के प्रति एकजुटता व्यक्त की । सभी वक्ताओं ने केंद्र सरकार से सरकार के इन कदमों को तत्काल रोकने की मांग की । इस हड़ताली सभी की अध्यक्षता आरडीआईईयू के अध्यक्ष कामरेड अलेक्जेंडर तिरकी ने किया ।
(धर्मराज महापात्र)
94252-05198