घोटालेबाजी में बीत गया भूपेश सरकार का पूरा कार्यकाल : देवेंद्र चंद्राकर गोबर खरीदी में 229 करोड़, चावल-शक्कर में 254 करोड़ रु. का घोटाला आया सामने

घोटालेबाजी में बीत गया भूपेश सरकार का पूरा कार्यकाल : देवेंद्र चंद्राकर गोबर खरीदी में 229 करोड़, चावल-शक्कर में 254 करोड़ रु. का घोटाला आया सामने

July 25, 2023 0 By Central News Service

संपादक मनोज गोस्वामी

महासमुंद 25 जुलाई 2023/ भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के जिला संयोजक देवेंद्र चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार घोटालेबाजी में नई-नई खिताब हासिल कर रही है। घोटालों की कड़ी में 229 करोड़ का गोबर घोटाला और 254 करोड़ रुपए का चावल-शक्कर घोटाला सामने आया है। बिहार के चारा घोटाले से भी बड़ा घोटाला छत्तीसगढ़ के कांग्रेस राज में किया गया है।

चंद्राकर ने कहा कि भाजपा विधायकों के सवाल पर विधानसभा में मंत्री द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों से पता चल रहा है कि 246 करोड़ रुपए की गोबर खरीदी की गई और17 करोड़ रुपए की वर्मी खाद की बिक्री का तथ्य सामने आया। अगर 246 करोड रुपए में से 17 करोड़ रुपए घटा दें तो 229 करोड़ रुपए बचता है। शेष 229 करोड़ रूपए का गोबर कहां गया? चंद्राकर जी ने कहा कि प्रदेश की घोटालेबाज सरकार का पूरा कार्यकाल घोटालेबाजी में ही बीत गया। इनके कार्यकाल में प्रदेश का विकास रूक गया।


जिला संयोजक सहकारिता प्रकोष्ठ देवेंद्र चंद्राकर ने आगे कहा कि 10 रुपए किलो की दर से वर्मी कंपोस्ट खाद खरीदने किसानों को विवश किया जा रहा है। उसमें भी कम मात्रा में प्रदेश के समस्त जिलों के कुछ एक गोठानों में ही गोबर खरीदी की जा रही है। जिसमें वास्तविकता से दूर कागजों में ही गोबर के आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर दर्शाया जा रहा है। इसका प्रमाण विधानसभा में प्रस्तुत मंत्री द्वारा आंकड़े बता रहे हैं। 246 करोड़ रूपए की गोबर खरीदी हुई तो वर्मी कम्पोस्ट केवल 17 करोड़ रूपए के ही क्यों बेचे गए। शेष वर्मी खाद कहां रखा गया है?


चंद्राकर ने कहा कि पिछले दिनों भाजपा द्वारा पूरे प्रदेश में चलबो गोठान-खोलबो पोल अभियान का कार्यक्रम चलाया गया था। जिसमें भाजपा के जनप्रतिनिधि, कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर स्थानीय ग्रामीणों को साथ लेकर गौठानों का निरीक्षण किया था। उस दौरान उक्त गौठानों में न तो मवेशी दिखे। ना ही गोबर खरीदी करने का कहीं कोई निशान दिखा। यहां तक वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए बनाए गए टंकियों को देखने से प्रतीत हो रहा था, मानों वर्मी कम्पोस्ट के लिए उनका उपयोग कभी हुआ ही ना हो। इन सबके बाद भी 246 करोड़ की गोबर खरीदी के दावे भारी भ्रष्टाचार को परिलक्षित करता है। यह चारा घोटाले से भी बड़ा घोटाला है।

254 करोड़ का चावल, शक्कर घोटाला


केंद्रीय खाद्य मंत्रालय दिल्ली की जांच टीम की रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है। राज्य शासन द्वारा 13 हजार राशन दुकानों का भौतिक सत्यापन कराया गया था, इसमें 65 हजार टन चावल व 3.5 हजार टन शक्कर राशन दुकानों से गायब है। यानी 254 करोड़ रूपए का राशन घोटाला प्रमाणित पाया गया। इस मामले में भूपेश सरकार द्वारा अब तक संचालनालय की जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई। केंद्रीय टीम के अनुसार दुकानों में पर्याप्त स्टाक के बाद भी राशन दुकानों को दिए जाने वाले कोटा दर्शाकर घोटाला किया गया। अरबों का राशन, शक्कर खुले बाजार में बेचा गया। यह मामला विधानसभा में उठने पर घोटाले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।