शर्मनाक घटना:वन अमला ने कराया पत्रकारों पर जंगल में जानलेवा हमला,छुरा वन परिक्षेत्र के चरौदा बिट में बेशकीमती इमारती पेड़ बीजा की सैकड़ों की तादाद में बेदम अवैध कटाई.कवरेज के दौरान हुआ जंगल में हमला…
June 16, 2023छुरा थाना में हुआ लिखित शिकायत,पत्रकारों के ऊपर हमला करने वालो के ऊपर हुआ विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज
दो पत्रकारों पर जंगल में 30- 40 लोगो ने घायल होते तक किया हमला,पत्रकारों ने घटना की कड़ी निंदा
संपादक मनोज गोस्वामी
गरियाबंद 16 जुन 2023/ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक तरफ़ तो पत्रकार सुरक्षा नियम कानून लागू कर रहे है , वही उन्हीं के प्रशासनिक लोग मुख्यमंत्री के नियमों का धज्जियां उड़ा रहे हैं, जी हां हम बात कर रहे है गरियाबंद जिले के छुरा विकासखण्ड का जहां समाचार संकलन करने गए दो पत्रकारों पर वन विभाग एवं उनके शुभचिंतक जो कि बेशकीमती लकड़ियों का अवैध कटाई के साथ परिवहन करते हैं।
गरियाबंद जिले का छुरा ब्लॉक पत्रकारों के लिए नासूर बन गया है। जन्हा पत्रकारों की स्वतंत्रता पर ही सवाल खड़े कर दिए है।जब भी कोई मामले पर खबर कवरेज किया जाता है तो धमकी और केवल हमले देखने को मिलता है।जिसका कई ताजा उदाहरण देखने को मिला है।खासकर छुरा थाना क्षेत्र और इस ब्लॉक में इस तरह की घटना आए दिन देखने को मिलता रहता है। ऐसे ही मामलो को उजागर करने वाले निर्भीक पत्रकार उमेश राजपूत को लोकतंत्र की रक्षा के लिए शहादत देना पड़ा था।जिसके आरोपी आज तक पकड़ से बाहर है।भूपेश सरकार द्वारा पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने के बाद भी पत्रकारों के ऊपर हमला होना एक शर्मनाक घटना है।
जिले के वन परिक्षेत्र छुरा अंतर्गत चरौदा बिट में सैकड़ों की तादाद में इमारती पेड़ बीजा की बेदम कटाई कोई नई बात नही है।विभाग के जिम्मेदार बिटगार्ड और डिप्टी रेंजर के सह पर ही जंगल का उजाड़ लगातार जारी है।जब मामले की कवरेज करने जंगल में पत्रकार परमेश्वर कुमार साहू और शहरयार खान पहुंचे तो बिटगॉर्ड द्वारा सुनियोजित तरीके से 30-40 संख्या में आसामाजिक तत्वों और लकड़ी तस्करो को बुलाकर जानलेवा हमला पत्रकारों के ऊपर करवा दिया।इतना ही नहीं,दोनो पत्रकारों के मोबाइल को पूर्ण रूप से तोड़कर सारे सबूत मिटाने का भी कार्य किए है।जिसमे बिटगार्ड इशू जोशी द्वारा षड्यंत्र कर जंगल में पत्रकारों के ऊपर हमला करवा कर लोक तंत्र के चौथे आधार स्तंभ पर आघात पहुंचाया गया है।दोनो पत्रकारों ने हमले के बाद मौका स्थल से भागकर अपनी जान बचाई और सीधे छुरा थाना पहुंचकर लिखित शिकायत आवेदन दिया।वही इस विडबनीय घटना को लेकर कई पत्रकारो ने खेद व्यक्त किया है।
कवरेज के दौरान प्राणघातक हमला,वीडियो सोशल मीडिया में वायरल,एसपी ने लिया तत्काल एक्शन
बता दे की जंगल में इमारती पेड़ो की अवैध कटाई चरौदा सर्कल में जमकर हो रही है।जिसमे विभाग के जिम्मेदार बिडगार्ड ईशु जोशी और डिप्टी रेंजर मोहन यदु का लकड़ी तस्करो को खुला संरक्षण है।जिसकी खबर कवरेज करने गए पत्रकारों पर विभाग के जिम्मेदारो ने अपनी पोल खुलने के डर से असामाजिक तत्वों और लकड़ी तस्करो को जंगल में बुलाकर जानलेवा हमला करवाकर मोबाइल सहित बाइक को तोड़फोड़ किया।जिससे पत्रकारों को गंभीर चोटें आई है।इतना ही नहीं जान से मारने की धमकी देते हुए व बाइक में नशीले पदार्थो को रखकर छबि धूमिल करने वीडियो बनाया और कहा की अगर थाने में शिकायत किया तो ये वीडियो पूरे सोशल मीडिया में वायरल कर देंगे।जिसकी लिखित शिकायत छुरा थाना में करने पर पत्रकारों का डॉक्टरी मुलाहिजा करवाया गया।जिसके बाद गरियाबंद पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर छुरा थाना प्रभारी भूषण चंद्राकर ने विभिन्न धाराओं में 5 से अधिक लोगो पर एफआईआर दर्ज कर विवेचना में लिया है।
महिला पत्रकार को सामूहिक बलात्कार की धमकी
आपको बता दे की बिडगार्ड द्वारा सुनियोजित तरीके से पहले तो तस्करो को साथ लेकर जंगल में पत्रकारों पर हमला करवाया फिर उसके बाद बंधक बनाकर गांव ले गए। जहा पत्रकार घायल अवस्था में थे।वह ले जाकर भी प्रताड़ित किया गया और और अमानवता पूर्ण सरेआम मारपीट कर महिला पत्रकार के बारे में अभद्र व्यवहार करते हुए कहने लगे की अगर आज वो आई होती या फिर कन्ही पर मिला तो हम सब लोग उसका सामूहिक बलात्कार करेंगे।जिससे महिला पत्रकार के ऊपर भी कभी भी कुछ भी अप्रिय घटना मंडरा रहा है।वही घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।जिसमे साफ तौर पर देखा जा सकता है की मानवता को शर्मसार करते हुए 30-40 लोग दो पत्रकारों को जंगल में घेरकर ताबड़तोड़ हमला कर मारपीट कर रहे है।जिसकी शिकायत महिला आयोग रायपुर और मानवाधिकार आयोग में भी किया गया है।
सुनियोजित तरीके से हुआ पत्रकारों पर हमला
जब मीडियाकर्मी उक्त क्षेत्र के जंगल में पड़ताल करने पहुंचे और उसकी जानकारी डिप्टी रेंजर मोहन यदु को दिया गया तो उन्होंने बिटगार्ड ईशु जोशी को मौके पर भेजने की बात किए। जन्हा पत्रकारों के ऊपर हमला करने योजाना पूर्ण रूप से तैयार हो गया।कुछ समझ पाते उससे पहले ही हमला कर मोबाइल को तोड़ दिया गया जिससे सारे सबूत मिट गए।क्योंकि उक्त मोबाइल से सारे वीडियो फोटो के माध्यम से सबूत संकलन किया गया था।
हमला करने का वीडियो सोशल मीडिया में हो रहा है वायरल,किसी भी ने नही दिखाया मानवता
पहले तो मारपीट कर व कुछ नशीले पदार्थो को हमलवारो द्वारा बाइक में रखकर वीडियो बनाया।फिर उसे सोशल वीडियो में वायरल किए।लेकिन मानवता को शर्मसार करते हुए जानलेवा हमला करते हुए मारपीट पर किसी भी जनप्रतिनिधियों,समाजसेवी व अन्य सामाजिक संगठनों ने किसी भी प्रकार से संवेदना नही दिखाई।जबकि सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो में साफ दिख रहा है की जंगल में दो लोगो पर 30-40 लोग किस तरह से ताबड़तोड़ कहर बरपा रहे है।
लकड़ी से भरे ट्रेक्टर पर कुछ माह पहले हुआ था कार्यवाही,क्या इसी का बौखलाहट तो नही?
आपको बता दे की बीते कुछ माह पहले परिक्षेत्र के चरौदा सर्कल में लकड़ी से भरे ट्रेक्टर को पत्रकारों की सूचना पर रेंजर द्वारा जब्ती की कार्यवाही किए थे।जिसमे बिटगार्ड का उक्त लकड़ी तस्करो और अवैध कटाई कर जंगलों का उजाड़ करने वालो को संरक्षण दिया जाता रहा है।जिसकी कई बार पुष्टि हो चुकी है।क्षेत्र के तस्कर बीजा लकड़ी की कटाई कर बिटगार्ड के सह पर दूर दूर तक इसकी तस्करी करते है।जिसका कमीशन बिटगार्ड और जिम्मेदार अधिकारियों को भी मिल जाता है।जिसके चलते और ट्रेक्टर पर कार्यवाही के कारण बौखलाए तस्करो ने पत्रकारों पर हमला किया।जिसके षड्यंत्रकारी वन अमला है जो साफ जाहिर है।
पत्रकारों की सुरक्षा पर उठने लगा है सवाल
राज्य सहित जिले में आए दिन इस तरह की घटना आए दिन देखने को मिलते रहता है।गरियाबंद जिले में पत्रकारों की स्वतंत्रता का खुलेआम हनन हो रहा है।पत्रकारों पर हमले कारण वाले के ऊपर कोई ठोस कार्यवाही नही होने से उनका हौसला लगातार बुलंद होते जा रहा है।एक तरफ भूपेश सरकार पत्रकारो की सुरक्षा के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून लागू कर रहे है तो दूसरी ओर लोकतंत्र के चौथे आधार स्तंभ पर प्राणघातक प्रहार हो रहा है।अब सब पत्रकार एक स्वर में बोल रहे है की हमे भी सुरक्षा के लिए लायसेंसी हथियार दिया जाए।ताकि अपनी सुरक्षा खुद कर सके।क्योंकि जिम्मेदार इनकी सुरक्षा करने में पूर्ण रूप से नाकाम साबित हुआ है।वही इस घटना को लेकर पत्रकारों ने कड़ी निंदा करते हुए दोषियों के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की मांग किए है।
हमलावर अपना कृत्य छुपाने आजाक थाना में किए है शिकायत,जिम्मेदार ले रहे है आरोपियों का पक्ष
बताना चाहेंगे की घटना की शिकायत के बाद छुरा थाना द्वारा उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में एफआईआर कर 5 से अधिक लोगो पर मामला दर्ज कर विवेचना कर रहे है।लेकिन आरोपीगण जांच को प्रभावित करने और अपने आरक्षण का दुरुपयोग करने व अपने कृतियों को छुपाने तरह तरह का आरोप लगाकर पुलिस कार्यवाही से बचने फर्जी शिकायत करने पर उतारू हो गया है।वही आजाक थाना भी बिना पक्ष जाने आरोपियों का पक्ष लेने में लगे है।वही और भी पत्रकार भविष्य में इस तरह का घटना का शिकार हो सकता है।