माता कर्मा कन्या महाविद्यालय महासमुंद, में व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यशाला कल 28 फरवरी को…

माता कर्मा कन्या महाविद्यालय महासमुंद, में व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यशाला कल 28 फरवरी को…

February 27, 2023 0 By Central News Service

महासमुंद 27 फरवरी 2023/ जैवप्रौद्योगिकी विभाग DBT, भारत सरकार द्वारा चिन्हित छत्तीसगढ़ के आकांक्षी जिलों के शिक्षकों के लिए 28 फरवरी, 2023 को शासकीय माता कर्मा गर्ल्स कॉलेज, महासमुंद, में व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करेगा।

विज्ञान दिवस के मौके पर महासमुंद में छत्तीसगढ़ के 10 आकांक्षी जिले के शिक्षको के लिए फोल्डस्कोप कार्यशाला का आयोजन भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किया जा रहा है जिसके प्रमुख प्रायोजक बायोटेक कंसोर्सिया इंडिया लिमिटेड BCIL द्वारा किया जा रहा है। इस अवसर पर भारत के प्रसिद्ध संस्थानों से BCIL ट्रेनर डॉ अरोकियासामी अरुलांदु, इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी, नई दिल्ली, सुश्री अक्षता नायक, सिटीजन साइंस फेलो, अर्थवॉच इंडिया, सुश्री सुजाता अधाना, दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली, सुश्री सोनाली कद, मो. पंडियाराजन, ईडन साइंस क्लब, मदुरै, डॉ नागार्जुन विजय, भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर), भोपाल, डॉ अरुण देव शर्मा लायलपुर खालसा कॉलेज जालंधर एवं BCIL से विनोद कुमार एवं सुश्री शर्लिन चार्लस शिक्षकों एवं महासमुंद जिले के छात्र छात्राओं को फोल्डस्कोप माइक्रोस्कोप का प्रशिक्षण भी प्रदान करेंगे।

इस अवसर पर पंडित रविशंकर शुक्ला विश्वविद्यालय के कुलपति केसरी लाल वर्मा, उच्च शिक्षा विभाग की आयुक्त श्रीमती शारदा वर्मा, जिले के कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर मुख्यअतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।


फोल्डस्कोप जो ओरिगेमी से प्रेरित एक अल्ट्रा-किफायती पेपर माइक्रोस्कोप है यह है एक पोर्टेबल, मजबूत और बहुमुखी माइक्रोस्कोप ज्यादातर कागज (वाटर-प्रूफ) से बना है जो 140x से 2000x तक आवर्धन तथा 1.9 माइक्रोन रिज़ॉल्यूशन है। फोल्डस्कोप पोर्टेबल है, और किसी भी सतह पर एक छवि और जीवित सूक्ष्म जीवों को प्रोजेक्ट करने की क्षमता रखता है, जिससे लोगों के एक बड़े समूह को एक साथ एक छवि को देखने की क्षमता मिलती है।


विशेष‌ बात यह है कि फोल्डस्कोप का आविष्कार भारतीय शोधकर्ता डॉ. मनु प्रकाश ने प्रकाश लैब, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, यूएसए में किया था, जिसे 2015 में डीबीटी और प्रकाश लैब (स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी), यूएसए के बीच एक स्टेटमेंट ऑफ इंटेंट पर हस्ताक्षर के बाद भारत लाया गया था। उक्त जानकारी कार्यक्रम समन्वयक डॉ स्वेतलाना नागल ने दी।