फार्मासिस्ट पंजीयन जाँच में मिल रही गड़बड़ी, छग फार्मेसी काउंसिल क़े रजिस्ट्रार डॉ. श्रीकांत राजिमवाले क़ो पद से हटाने ज्ञापन सौपे
December 31, 2022रायपुर, 30 दिसम्बर/ छत्तीसगढ़ राज्य फार्मेसी काउंसिल में फार्मासिस्ट के रुप में पंजीयन प्राप्त कर चुके ऎसे फार्मासिस्ट जिन्होंने अमान्य बोर्ड से 10 वीं, 12 वीं उत्तीर्ण किया हो तथा इसके अलावा ऎसे फार्मासिस्ट भी जिन्होंने अन्य राज्यों से फार्मेसी अर्हता प्राप्त कर छत्तीसगढ़ में पंजीयन कराया हो क़े पंजीयन की जाँच क़े लिये छत्तीसगढ़ राज्य फार्मेसी परिषद द्वारा परिषद सदस्यों की एक जाँच समिति 6 माह पूर्व गठित की गयी है l
लगभग 25000 पंजीयन में से मात्र 3000-4000 पंजीयन की जाँच में समिति ने पाया है कि अमान्य बोर्ड से 10 वीं, 12 वीं उत्तीर्ण भारी मात्रा में लोगों के पंजीयन हुए हैं जिसमें 29 क़े पंजीयन निरस्त किये गये हैं, प्रकरण न्यायालय में चले जाने के कारण अमान्य बोर्ड वालों की आगे की जाँच रोकी गयी है l
लेकिन जिन्होंने अन्य राज्यों से फार्मेसी अर्हता प्राप्त कर छत्तीसगढ़ में पंजीयन कराया है क़े पंजीयन में भी भारी अनियमितताये जाँच समिति को प्राप्त हो रही हैं l जिसमें फार्मेसी अंकसूचियों का सत्यापन होने क़े पुर्व पंजीयन कर दिया जाना, संदिग्ध सत्यापन पत्रों क़े आधार पर पंजीयन किया जाना, जाली अंकसूचियों से पंजीयन प्रयास करने पर पुलिस में शिकायत न करना, पंजीयन फाइल में समस्त दस्तावेज एक साथ न रखना, अपूर्ण / गलत / संदिग्ध प्रैक्टिकल ट्रेनिंग प्रमाण पत्र के आधार पर पंजीयन जारी किया जाना आदि घोर अनियमिततायेँ शामिल हैं
इसी तरह क़े लगभग 450-500 प्रकरण सामने आये हैं इससे प्रतीत होता है कि जाली, फर्जी फार्मासिस्ट पंजीयन करवाने कोई रैकेट फार्मेसी काउंसिल रजिस्ट्रार क़े सहयोग से काम कर रहा है l
इसक़े अतिरिक् एक ही कर्मचारी से वर्षों से सत्यापन कार्य लिया जाना, जाँच हेतु दस्तावेज तत्काल उपलब्ध नहीं कराया जाना, पुलिस शिकायत के लिये परिषद के निर्णय उपरांत पुलिस शिकायत में हीला हवाला करना (मजबूरी में सदस्यों द्वारा रजिस्ट्रार को पृथक से 09.12.2022 को पत्र देना पड़ा तब भी 8 दिन बाद 16.12.2022 को पुलिस को सूचना दी गयी), जाँच को सीमित रखने क़े लिये सदस्यों को कहना आदि गतिविधियों के कारण जाँच में बाधा हो रही है l
उपरोक्त समस्त परिस्थितियों क़े लिये वर्तमान रजिस्ट्रार डॉ. श्रीकांत राजिमवाले जिम्मेदार है, जिन्हें पूर्व सरकार द्वारा वर्ष 2009 में छत्तीसगढ़ फार्मेसी काउंसिल का रजिस्ट्रार बनाया गया था इस तरह विगत 14-15 वर्षों से वे ही पंजीयन कर रहे हैं तथा उन्हीं जाली पंजियनो की जाँच के समय उनकी उपस्थिति से जाली दस्तावेजों में हेराफेरि, पुलिस जाँच में आधा अधूरा सहयोग, जाँच कार्य में बाधा व लीपापोती होगी l
यह भी उल्लेखनीय है कि उन्हें हटाकर पूर्णकालिक तथा नियमानुसार फार्मेसी अर्हता धारी को रजिस्ट्रार बनाये जाने का निर्णय फार्मेसी परिषद द्वारा 2018 में ही लिया जा चुका है लेकिन पद लोलुपता वश डॉ. श्रीकांत राजिमवाले द्वारा उसी समय उक्त निर्णय का क्रियान्वयन करने शासन को प्रस्ताव ही नहीं दिया गया एवम् स्वयम् पदासीन बने रहना चाहते हैं l
उन्हें केवल लाभ वाले पंजियनो में रूचि रखते है जबकि खेत आदि बेचकर मेहनत से कठिनतम व महँगी फार्मेसी की पढ़ाई करके पंजीयन के लिये आवेदन करने वाले लगभग 700 पंजीयन आवेदन लंबित हैं जिनके पंजीयन में रजिस्ट्रार की रुचि नहीं है, इसी कारण फार्मासिस्ट के मध्य भारी आक्रोश व्याप्त है l
उपरोक्त कारणों से निवेदन पूर्वक आग्रह है कि जाली, फर्जी फार्मासिस्ट पंजीयन क़े लिये जिम्मेदार एवम् छग फार्मेसी काउंसिल क़े वर्तमान रजिस्ट्रार डॉ. श्रीकांत राजिमवाले क़ो रजिस्ट्रार पद से तत्काल हटाया जाय।