देश में फिर से डरा रहे है कोरोना… कोविशील्ड कि कमी…योगा में बढ़ोतरी…
December 26, 2022रायपुर 26 दिसंबर 2022/ सभी लोग सोच रहे थे कि वैश्विक महामारी कोरोना से हमारा देश सुरक्षित हो गया है लेकिन कोरोना का खतरा एक बार फिर से बढ़ने से लोगों में तरह- तरह कि चर्चाएं शुरू हो गई है। लोगों ने अपने मुताबिक चर्चाएं को गर्मजोशी के साथ प्रकट कर रहे है। ऐसे स्थिति से निपटने के लिए बूस्टर डोज की डिमांड शुरू हो गई।
बूस्टर डोज कि कमी
मिली जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में कोविडशील्ड का स्टॉक ही खत्म हो चुका है। ऐसे में वैक्सीन की दोनों डोज लगाने वालों को बूस्टर डोज नहीं लग पा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र सरकार से डोज की डिमांड कर दी है। डोज आने तक जितने भी लोग बूस्टर डोज लगाने आएंगे, टीकाकरण सेंटरों में उनके नाम, मोबाइल नंबर और पता दर्ज कर लिया जाएगा। कोविडशील्ड की डोज आने पर लोगों को कॉल कर डोज लगाने बुलाया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत जो प्रयास कर रही है, उसके मुताबिक सभी सेंटरों को भी लिमिटेड स्टॉक भेजा जाएगा। यानी प्राप्त मात्रा के अनुसार ही बूस्टर डोज भेजी जाएगी, ताकि एक भी डोज बेकार ना जाएं। छोटे सेंटरों में तो दस-दस डोज की वायल तभी भेजी जाएगी, जब वहां से जानकारी दी जाएगी कि बूस्टर डोज लगवाने के लिए दस लोग तैयार हैं। राज्य के सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को भी इस बारे में स्पष्ट करने के साथ कहा गया है कि जहां भी बूस्टर डोज की डिमांड की जा रही है। वहां से लोगों के नाम और मोबाइल नंबर मंगवाएं। उसके बाद उसी हिसाब से बूस्टर डोज का स्टॉक भेजा जाए।
मॉक ड्रिल में देखेंगे कि ऑक्सीजन प्लांट काम कर रहा है या नहीं
राज्यों में कोरोना से निपटने की तैयारियों को परखने के लिए केंद्र सरकार ने मॉक ड्रिल करने के निर्देश दिए हैं। यह निर्देश छत्तीसगढ़ में भी पहुंचे हैं। इसके मुताबिक प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग यह देखेगा कि कोरोना के संक्रमण से निपटने के लिए जिस तरह के दावे किए जा रहे हैं उस तरह की तैयारी है या नहीं? इसके लिए मॉकड्रिल की तैयारी शुरू कर दी गई है। स्वास्थ्य सचिव आर. प्रसन्ना ने कलेक्टरों को कोविड प्रोटोकॉल मैनेजमेंट के तहत मॉक ड्रिल करने के लिए कहा है। मॉक ड्रिल की रिपोर्ट केंद्र सरकार के पोर्टल में एंट्री करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
प्लांट कि परख कैसे करें … कैसे जाने
वेंटिलेटर, आक्सीजन कंसन्ट्रेटर को चालू किया जाएगा।
पीएसए प्लांट को चलाकर देखेंगे कैसे कर रहा है काम।
लिक्विड ऑक्सीजन व सिलेंडर की उपलब्धता देखेंगे।
ऑक्सीजन प्रवाहित करने वाली लाइन जांची जाएगी।
कितने डाक्टर व मेडिकल स्टॉफ चला सकते हैं वेंटिलेटर।
बूस्टर डोज में पिछड़े, 60 से कम उम्र के 34 फीसदी ने ही लगवाया–
बूस्टर डोज में राज्य खासा पिछड़ा हुआ है। अभी तक यहां 18 से 59 साल के बीच केवल 34 फीसदी लोगों ही बूस्टर डोज लगवायी है। जबकि कोविड की तीसरी लहर गुजरने के बाद से ही बूस्टर डोज लगवाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। आम लोग तो दूर सरकारी कर्मचारी और अधिकारी यहां तक कि डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ भी बूस्टर डोज लगवाने के लिए आगे नहीं आ रहा है। स्वास्थ्य विभाग में ही ऐसे स्टाफ की संख्या काफी ज्यादा है जिन्होंने बूस्टर नहीं लगवाया है।
स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए … जनहित में सुरक्षा
कोरोना काल कि तीसरी लहर गुजरने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने एक बार फिर केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार कि निर्देश पर अपील करने कि प्रकिया शुरू कर दी है।
जिसमें भीड़ भाड़ स्थानों से बचने, मास्क का बराबर उपयोग, साबुन एवं हैंडवाश से हाथ कि साफ- सफाई करते रहना चाहिए, सेनेटाइजर का उपयोग करना, सुरक्षित दुरी बनाए रखना, सर्दी खांसी होने पर तुरंत जांच कराने के लोगों कि सुरक्षा को देखते हुए अपील किए हैं।
कोराना का भय ने फिर बढ़ाया योगा को
एक तरफ कोरोना का भय वही सर्द मौसम में इम्यूनिटी बढ़ाने लोगों ने योगा करने वाले में बढ़ोतरी देखी जा सकती है। प्रतिदिन लोग सुबह -शाम योगाभ्यास करने पार्क में सड़क किनारे या अपने अपने घरों पर भी योग करने वाले में बढ़ोतरी हो गई है।