सीएम भूपेश बघेल सरकार आदिवासियों के 32 प्रतिशत आरक्षण के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही और विशेष सत्र बुलाने से भी पीछे नहीं हटेगी

सीएम भूपेश बघेल सरकार आदिवासियों के 32 प्रतिशत आरक्षण के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही और विशेष सत्र बुलाने से भी पीछे नहीं हटेगी

November 5, 2022 0 By Central News Service

भाजपा आदिवासी आरक्षण के नाम से सिर्फ राजनीति कर रही और रमन सरकार की नाकामी छुपा रही

रायपुर/5 नवम्बर 2022। राज्यपाल जी के द्वारा आदिवासियों के आरक्षण के लिए विशेष सत्र बुलाने लिखे गए पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार प्रदेश के आदिवासी वर्ग को 32 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है।

उच्च न्यायालय के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी है आदिवासियों के हित में राज्य सरकार देश के नामचीन वकीलों को खड़ा कर 32 प्रतिशत आदिवासी आरक्षण के पक्ष को मजबूती से रख रही है और कानूनी लड़ाई लड़ रही है ।

आदिवासी वर्ग को उनका अधिकार देने के लिए आवश्यकता पड़ी तो राज्य सरकार विधानसभा की विशेष सत्र बुलाने से भी पीछे नहीं हटेगी। जरूरत पड़ेगा तो अध्यादेश भी लाया जायेगा? पूर्व की रमन सरकार के द्वारा 32 प्रतिशत आरक्षण के संदर्भ में न्यायालय में आदिवासी वर्ग के पक्ष को मजबूती से नही रखा गया। आरक्षण विवाद के समय उच्च न्यायालय में प्राथमिक तौर पर दी गई एफिडेविट में रमन सरकार ने ननकीराम कवर कमेटी गठन का जिक्र नहीं किया न्यायालय से कमेटी गठन को छिपाया गया। कंवर कमेटी के रिपोर्ट को प्रस्तुत नहीं किया गया। जिसके कारण न्यायालय का फैसला 32 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ आया है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि जो भाजपा सत्ता में रहते आदिवासियों के 32 प्रतिशत आरक्षण के पक्ष को न्यायालय में मजबूती से नहीं रखी वह भाजपा आज सड़क पर नौटंकी कर आदिवासियों की आरक्षण की लड़ाई लड़ने की बात कर रही हैं असल में भाजपा और आरएसएस के खिलाफ आदिवासी समाज का आक्रोश दिख रहा है उसे भटकाने भाजपा से जुड़े आदिवासी नेता नोटंकी कर रहे है। भाजपा से जुड़े यही आदिवासी नेता है जो आरक्षण के पक्ष में ननकीराम कंवर कमेटी के रिपोर्ट को न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया तब मौन थे?