महासमुन्द जिला अस्पताल रिफर सेंटर बनकर रह गया है : किसान नेता अशवन्त तुषार साहू
September 23, 2022महासमुन्द 23 सितंबर 2022/ जिला अस्पताल रिफर सेंटर साबित हो रहा। महासमुन्द जिला हॉस्पिटल बने तो काफी समय हो गया है पर यहां गंभीर मरीजों को रायपुर रिफर कर दिया जाता है। ऐसे में गरीब परिवारों का हाल क्या होता होगा। महासमुन्द जिला में पर्याप्त सुविधा होने के बावजूद मरीजों को बाहर रिफर करना पड़ता है क्योंकि यहां चिकित्सक उपस्थित नहीं रहते है। क्योंकि चिकित्सक बाहर से रोज आना जाना करते हैं। अगर चिकित्सक यहां उपस्थित रहेंगे तो शायद ही किसी मरीज को बाहर ही रेफर करना पड़ेगा।
रात्रि 8:00 बजे के बाद प्राइवेट अस्पतालों के दलालों का जिला अस्पताल में जमावड़ा बना रहता इनलोगो के साथ नर्स ,वार्ड बॉय भी शामिल हैं प्राइवेट अस्पतालों के एंबुलेंस जिला अस्पताल में खड़ा रहता है गार्ड भी करते इन सबका सहयोग।
वार्ड बॉय और नर्स व 12 नंबर मेंडिकल स्टाप भी करते हैं मनमानी मरिज व परिजनों के साथ करते हैं जानवरों जैसा व्यवहार।
किसान नेता अशवन्त तुषार साहू ने बताया कि जिला हॉस्पिटल में वार्ड बॉय और नर्स व 12 नंबर मेंडिकल स्टाप भी अपनी मनमानी करते हैं और उनका व्यवहार मरीजों के परिजनों के प्रति जानवरों जैसा रहता हैं। यहां दोपहर 2 बजे के बाद ब्लड बैंक बंद कर दिया जाता है और मरीजों को बाहर से ब्लड की व्यवस्था करने को कहा जाता है। जबकि ब्लड बैंक 24 घंटा चालू रहना चाहिए,जो डॉ बिना लाइसेंस क्लीनिक चला रहा है ,उनके ऊपर नियम से कार्यवाही होनी चाहिए।
मरीजों ने बताया कि सफाई व्यवस्था बिगड़ी हुई है। जानकारी अनुसार अस्पताल जैसी जगह पर सफाई कामगारों को किसी प्रकार का सुरक्षात्मक आवरण नहीं दिया गया है, खुले हाथ से कचरा एकत्रित कराया जा रहा है। सफाई के लिए झाडू-पोंछा व केमिकल उपलब्ध कराए गए हैं, जब कि गंदगी युक्त जगहों की मशीन से सफाई के लिए संसाधन नहीं है। स्थिति यह है कि मेल-फिमेल वार्ड के शौचालय गंदगी से भरे पड़े हैं। गुटखा, गुड़ाखु से दीवारें रंगी हुई है। वहीं बदबू की रोकथाम के लिए आवश्यक रसायनों का छिड़काव नहीं है, जिससे वार्ड में मौजूद लोग दुर्गंध से परेशान रहते हैं।
जिले के चारों सीट पर कांग्रेसी विधायक, सत्ता भी उनकी ,पर स्थिति आज तक नहीं सुधरी अब तो ज़रा ध्यान दीजिए, मुख्यमंत्री ( कका ) गरीबो के मसीहा, आप से निवेदन है की जल्द से जल्द ध्यान दें।मरीज इधर उधर भटक रहे,सरकारी डॉक्टर अपने निजी किलनिक में मस्त हैं।