प्रदेश में कब तक नियमितीकरण की मांग को लेकर भूख हड़ताल करते रहेंगे कर्मचारी – कोमल हुपेंडी,प्रदेश अध्यक्ष, आप

प्रदेश में कब तक नियमितीकरण की मांग को लेकर भूख हड़ताल करते रहेंगे कर्मचारी – कोमल हुपेंडी,प्रदेश अध्यक्ष, आप

August 28, 2022 0 By Central News Service

दैवेभो वन कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल का सातवां दिन विभाग में हैं 6500 से अधिक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी – आप

रायपुर । आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने आज प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल किया है कि नियमितीकरण व स्थायीकरण की मांग को लेकर प्रदेश में वन विभाग के हजारों दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी हड़ताल पर हैं। अनिश्चितकालीन हड़ताल का शनिवार को 8वां दिन था । हड़तालियों ने अब भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है।सरकार की ओर से इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है,क्या इनके बिना सरकार का काम चल रहा है यदि नही तो इनसे बातचीत कर समाधान क्यों नही दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त यदि इनके बिना काम चल रहा है तो इन्हे रखा ही क्या गया है। सरकार न इनकी मांग सुनने को तैयार है और ना ही समाधान देने को , यह कैसी विडंबना है।

अनिश्चितकालीन हड़ताल दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ के बैनर पर हो रही है।
आज इनके संगठन के पदाधिकारी हड़ताल पर बैठे है। बारी-बारी संघ के सदस्य भूख हड़ताल करेंगे। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपने जनघोषणा पत्र में दैनिक वेतन कर्मियों के नियमितीकरण का वादा किया था लेकिन आज 3साल हो गया कांग्रेस सरकार अपना वादा पूरा नहीं कर पाई है इसलिए संघ ने निर्णय लिया है कि मांग पूरी होते तक अब वन कर्मी हड़ताल जारी रखेंगे।

इतना ही नहीं ,वन विभाग के कर्मचारियों के साथ साथ ड्राइवर, कम्प्यूटर ऑपरेटर, गोदाम सुरक्षा श्रमिक भी नियमितीकरण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। बताया गया है कि दैनिक वेतन कर्मियों की इस हड़ताल से वन विभाग के कार्यालयों में अफसरों की सेवा करने वाला कोई नहीं है। वन अफसरों को ड्राइवर, कुक और माली तक हड़ताल पर हैं।सरकार यदि वादा पूरा नहीं कर पाती तो वादा करती क्यों है। मुख्यमंत्री ने शासन की कुर्सी हड़पने सिर्फ झूठे वादे कर अब मस्त है।जनता सब देख रही है और आने वाले विधान सभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को मौका देकर सबक सिखाने की तैयारी भी कर रही है।वन कर्मियों की लड़ाई में आम आदमी पार्टी पूरी तरह उनकी जायज मांगों के साथ है और हक दिला कर ही दम लेगी।