दूसरे दिन भी ठप्प रही प्रदेश की आंगनबाड़ियां, किसान सभा ने दिया समर्थन, कहा : मजदूर-किसानों की एकता ही जीत की कुंजी

दूसरे दिन भी ठप्प रही प्रदेश की आंगनबाड़ियां, किसान सभा ने दिया समर्थन, कहा : मजदूर-किसानों की एकता ही जीत की कुंजी

July 8, 2022 0 By Central News Service

दूसरे दिन भी ठप्प रही प्रदेश की आंगनबाड़ियां, किसान सभा ने दिया समर्थन, कहा : मजदूर-किसानों की एकता ही जीत की कुंजी

रायपुर। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका यूनियन (सीटू) तथा जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका कल्याण संघ द्वारा तीन दिनी हड़ताल के संयुक्त आह्वान के कारण आज दूसरे दिन भी प्रदेश की आंगनबाड़ियां ठप्प रही और अधिकांश केंद्रों पर ताले लगे रहे। सीटू नेता गजेंद्र झा ने दावा किया कि इस हड़ताल में एक लाख से ज्यादा कार्यकर्ता और सहायिकाएं शामिल हैं। यह हड़ताल कलेक्टर दर पर मजदूरी देने, सेवा निवृत्ति पर एकमुश्त कार्यकर्ताओं को पांच लाख तथा सहायिका को तीन लाख रुपये देने, पदोन्नति के जरिये कार्यकर्ताओं के सभी पद सहायिकाओं से तथा सुपरवाइजरों के सभी पद कार्यकर्ताओं से भरने, बाल विकास के अलावा अन्य कार्य करवाने पर रोक लगाने आदि मांगों पर आयोजित की जा रही है।

आज भी रायपुर में दस हजार से ज्यादा कार्यकताओं ने धरना दिया। इस धरना को छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते ने भी संबोधित किया तथा मजदूर-किसानों की एकता को हर आंदोलन की जीत की कुंजी बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि असंगठित मजदूरों की मांगों के प्रति सरकार का रवैया पूरी तरह से मनुवादी है और जहां वह महिला और बाल विकास के कार्यों से जुड़े काम को समाज सेवा बताती है, वही इस देश में जो मुनाफा पैदा हो रहा है, उसे कॉरपोरेटों द्वारा हड़पने का रास्ता खोलती है। सरकार की इन्हीं कॉरपोरेट परस्त नीतियों के कारण आज देश में आर्थिक असमानता बढ़ रही है और देश की जनता कंगाली का शिकार है। किसान सभा नेता ने कहा कि जो सरकार अपने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए तैयार नहीं है, उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है।

इस धरने को आज सीटू नेता गजेंद्र झा, उत्तरा देवदास, रत्ना साहू, ऋतु शालिनी तथा जुझारू यूनियन की नेता पद्मा साहू, भुनेश्वरी तिवारी तथा लता तिवारी आदि ने भी संबोधित किया तथा कहा कि यदि आंगनबाड़ी बहनों की जायज मांगों पर सरकार अब भी ध्यान नहीं देती और दमन करेगी, तो उसे हमारे और बड़े शांतिपूर्ण आंदोलन के जरिये जवाब दिया जाएगा। यह शर्म की बात है कि देश की आजादी के अमृत महोत्सव में इस देश के मजदूर न्यूनतम वेतन तक से वंचित है। लेकिन जिस प्रकार किसानों के आंदोलनों के सामने सरकार को झुकना पड़ा है, उसी प्रकार आंगनबाड़ी बहनों के सामने भी झुकना पड़ेगा।

सीटू और जुझारू यूनियन के नेताओं ने बताया कि हड़ताल के तीसरे दिन पूरे प्रदेश की कार्यकर्ता-सहायिकाओं का जमावड़ा रायपुर में होगा और और वे अपनी बंधुआ मजदूरी के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करेगी। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं का देशव्यापी चार दिनी धरना 26-29 जुलाई को दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें छत्तीसगढ़ से हजारों कार्यकर्ता शामिल होंगी।