किसान विरोधी काले काले कानून, मजदूर विरोधी श्रम संहिता और निजीकरण की नीति वापस ले मोदी सरकार – सीटू
January 31, 2021
राज्य भर में जत्थे के बाद रायपुर में दिया धरना
केंद्र सरकार देश के चंद कार्पोरेट घरानों के हित में देश की जनता के हितों की बली चढ़ा रही है, एक ओर आत्नरिभरता का नारा उछालकर देश के सार्वजनिक क्षेत्र नीलाम किया जा रहा है दूसरी ओर मजदूरों को कार्पोरेट के हाथों गुलाम बनाने श्रम कानून बदलकर श्रम संहिता में तब्दील हो गए , खेती को भी अपने कार्पोरेट आका के हवाले करने कृषि कानून बदल दिए गए दूसरी ओर जब मजदूर , किसान इसके खिलाफ संघर्ष के मैदान में उतरे तो उन्हे बांटने मंदिर, मस्जिद के सांप्रदायिक खेल के जरिए वर्तमान मोदी सरकार जनता की एकता को तोड़ने की कोशिश करने लगती है, लेकिन देश की जनता उनके हकीकत को समझ रही है । मोदी सरकार और उनके गुर्गों के तमाम घृणित हथकंडों के बाद भी देश के किसान अब भी जारी आंदोलन इसके प्रमाण है । किसानों के ऐतिहासिक आन्दोलन, मजदूरों के द्वारा किए गए 26 नवम्बर को अभूतपूर्व हड़ताल के बाद भी केंद्र की मोदी सरकार अपने कारपोरेट परस्ती में देश विरोधी नीतियों को ही आगे बढ़ाने में लगी है । जिसे भारत के मजदूर किसान किसी सूरत में स्वीकार नहीं करेंगे । इसलिए केंद्र की मोदी सरकार किसान विरोधी काला कानून, मजदूर विरोधी श्रम संहिता और सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण की नीति तत्काल वापस ले । सीटू द्वारा मजदूर विरोधी चारों श्रम संहिता को रद्द करने, किसान विरोधी तीनों कृषि कानून और बिजली कानून संशोधन बिल वापस लेने, सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण बंद करने, सभी गैर आयकर दाता परिवार को 7500 रुपए प्रतिमाह भुगतान किए जाने, सभी जरूरतमंदो को प्रति व्यक्ति 10 किलो अनाज उपलब्ध कराए जाने, मनरेगा के तहत 700 रुपए प्रतिदिन मजदूरी के साथ 200 दिन का काम देने , कानूनी रूप से इसमें शहरी गरीबों को भी शामिल करने कानून बनाने, एन पी एस रद्द कर, पुरानी पेंशन योजना लागू करने, सभी के लिए सामाजिक सुरक्षा और सभी के लिए निशुल्क सार्वभौमिक सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने की मांग को लेकर देश भर में जारी अभियान के तहत छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में निकले गए जत्थों के शहरों व गांवों में यात्राओं के बाद उसके समापन के मौके पर रायपुर में बूढ़ातालाब धरना स्थल में आयोजित धरने के दौरान आमसभा को संबोधित करते हुए सीटू नेताओं ने उक्त बात कही । इस आमसभा की अध्यक्षता सीटू के राज्य अध्यक्ष कामरेड बी सान्याल ने की । आमसभा को अध्यक्ष कामरेड बी सान्याल, महासचिव एम् के नंदी, सचिव धर्मराज महापात्र, एस सी भट्टाचार्य, गजेन्द्र झा, समीर कुरैशी, स्टील एम्पलॉइज यूनियन, भिलाई के डी वी एस रेड्डी, भिलाई के इस्पात ठेका श्रमिक नेता योगेश सोनी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एकता यूनियन की महासचिव ऋतु शालिनी, मेडिकल रिप्रजेंटेटिव यूनियन के प्रदीप मिश्रा, एम्स मजदूर यूनियन के जनघेल, राजहरा माइंस के ज्ञानेंद्र शर्मा, एम् एम् आई मजदूर यूनियन के मारुति डोंगरे, बालको मजदूर यूनियन के अमित गुप्ता ने प्रमुख रूप से संबोधित किया । सभी नेताओं ने कहा कि बजट पूर्व सरकार द्वारा पेश किए गए आंकड़े के विपरित अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है, बेरोजगारी चरम पर है, आक्सफाम द्वारा जारी असमानता रिपोर्ट में भारत की बहुसंख्य जनता की कीमत पर चंद अरबपतियों की करोना काल मे भी बढ़ी संपत्ति और समाज में बढ़ी असमानता की भयावहता को रेखांकित किया है । वक्ताओं ने किसानो के अभूतपूर्व आन्दोलन को बदनाम करने 26 जनवरी को सरकार द्वारा की गई साजिशों और गोदी मीडिया के उसके बाद किए गए दुष्प्रचार की भी कड़ी निन्दा की और कल पेश होने वाले बजट में यदि मजदूर और आम जनता विरोधी फैसले लिए गए तो उसका भी कड़ा प्रतिवाद का ऐलान किया । आमसभा में सीटू के राज्य स्तर के अन्य नेता श्रीमती अंजना बाबर, नवीन गुप्ता , शांत सहित धमतरी, राजहरा, भिलाई, कोरबा, बालोद, राजनांदगांव, रायपुर के सैकड़ों सीटू कार्यकर्ता शिरकत किए । सभा के अंत में सभी ने किसान , मजदूर एकता को मजबूत करने तथा अदानी और अम्बानी के सभी उत्पादों का बहिष्कार करने का संकल्प लेकर आम जनता से भी इसे सफल करने का आव्हान किया । दोपहर 12 बजे से प्रारंभ यह धरना शाम 4 बजे समाप्त हुआ ।
धर्मराज महापात्र
सचिव, सीटू
9425205198
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सचिव
सीटू,
9425205198