छत्तीसगढ़ को खादों की मांग के तुलना एक लाख टन कम यूरिया
June 10, 2022भाजपा ने लगाए आरोप
रायपुर, 10 जून । खरीफ के लिए राज्य में खादों की मांग की तुलना में केंद्र से हो रही कम आपूर्ति को देखते हुए राज्य शासन द्वारा सभी जरूरी तैयारियां शुरु कर दी गई हैं। किसानों को सहकारी संस्थाओं के माध्यम से अग्रिम उठाव करवाने, पोस मशीनों में नियमित एंट्री करवाने तथा प्राप्त उर्वरक के तेजी से भंडारण एवं वितरण की व्यवस्था की जा रही है। उर्वरकों के रेल के माध्यम से प्राप्त होने वाले रैक के लिए भी आवश्यक समन्वय किया जा रहा है।
खरीफ 2022 के लिए कुल 13.70 लाख टन का अनुमोदन भारत सरकार द्वारा दिया गया है। इसमें से यूरिया 6.50 लाख टन, डीएपी 03 लाख टन, पोटाश 80 हजार टन, एनपीके 1.10 लाख टन एवं सुपरफास्फेट 2.30 लाख टन है। माह अप्रैल एवं मई 2022 में राज्य को यूरिया की कुल आपूर्ति 3.29 लाख टन होनी थी, लेकिन केवल 2.20 लाख टन यूरिया ही प्राप्त हुआ। यूरिया के वितरण का संपूर्ण नियंत्रण भारत सरकार के उर्वरक मंत्रालय द्वारा किया जाता है।
यूरिया की उपलब्धता खरीफ के लक्ष्य के विरुद्ध 62 प्रतिशत है। राज्य में एनपीके की उपलब्धता खरीफ के लक्ष्य के विरुद्ध 30 प्रतिशत, डीएपी की उपलब्धता 39 प्रतिशत, पोटाश की उपलब्धता 35 प्रतिशत है। आगामी दिनों में केंद्र से समय पर उर्वरक न मिलने पर इनकी कमी हो सकती है। यूरिया के अतिरिक्त अन्य सभी उर्वरक अधिकांशत: आयतित सामग्री पर आधारित हैं, इसलिए राज्य में पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध कराने का दायित्व केंद्र सरकार का है।
दूसरी तरफ, भाजपा किसान मोर्चा के प्रमुख संदीप शर्मा ने आरोप लगाया कि कृषि मंत्री द्वारा लगातार खाद की आपूर्ति को लेकर गलत बयानी की जाती है जिसके परिणाम स्वरूप खाद की कालाबाजारी को बढ़ावा मिलता है, किसानों का शोषण होता है। इसी प्रकार की बयानबाजी पिछले साल भी की गई थी और कहा गया कि खरीफ के लिए केंद्र ने मात्र 6 लाख टन खाद ही दिए। जबकि बाद में राज्य सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में 11.8 लाख टन वितरण बताया गया। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री ऐसा बयान देकर किसानों में आपाधापी फैलाकर फर्जी जैविक खाद किसानों को टिका कर गोबर घोटाला की वसूली करना चाहते हैं और षड्यंत्र पूर्वक केंद्र सरकार को बदनाम करना चाहते हैं।