महासमुंद संसदीय सचिव एवं विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लोकपर्व छेरछेरा की बधाई दी।

महासमुंद संसदीय सचिव एवं विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लोकपर्व छेरछेरा की बधाई दी।

January 28, 2021 0 By Central News Service

महासमुंद – संसदीय सचिव एवं विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लोकपर्व छेरछेरा पर बधाई संदेश दी। चन्द्राकर जी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लोक पर्व छेरछेरा की बधाई देते हुए प्रदेशवासियों की खुशहाली, सुख, समृद्धि की कामना की है। छेरछेरा पर्व नई फसल के घर आने की खुशी में महादान और फसल उत्सव के रूप में पौष मास की पूर्णिमा को छेरछेरा पुन्नी तिहार मनाया जाता है। यह त्यौहार हमारी समाजिक समरसता, समृद्ध दानशीलता की गौरवशाली परम्परा का संवाहक है। इस दिन ‘छेरछेरा, कोठी के धान ल हेरहेरा‘ बोलते हुए गांव के बच्चे और युवा वर्ग खलिहानों और घरों में जाकर धान को भेंट स्वरूप प्राप्त करते है और इकट्ठा किए गए धान माईकोठी में रखते है।
संसदीय सचिव ने कहा कि छत्तीसगढ़ का किसान बहुत उदार होता है इसलिए कहा भी गया है कि ,छत्तीसगढिया सबले बढ़िया । किसानों द्वारा उत्पादित फसल केवल उसके लिए नहीं अपितु समाज के अभावग्रस्त और जरूरतमंद लोगों, कामगारों और पशु-पक्षियों के लिए भी काम आती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार आज ही के दिन भगवान शंकर ने माता अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी, आज ही मां शाकम्भरी जयंती है। इसलिए लोग धान के साथ साग-भाजी, फल का दान भी करते हैं। मान्यता है कि रतनपुर के राजा छह माह के प्रवास के बाद रतनपुर लौटे थे। उनकी आवभगत में प्रजा को दान दिया गया था। छेरछेरा के समय धान मिसाई का काम आखरी चरण में होता है। इस दिन छोटे-बड़े सभी लोग घरों, खलिहानों में जाकर धान और धन इकट्ठा करते हैं। इस प्रकार एकत्रित धान और धन को गांव के विकास कार्यक्रमों में लगाने की परम्परा रही है। छेरछेरा का दूसरा पहलू आध्यात्मिक भी है, यह बड़े-छोटे के भेदभाव और अहंकार की भावना को समाप्त करता है। संसदीय सचिव ने कहा कि वर्तमान समय में कुपोषण समाज की बहुत बड़ी समस्या है। कुपोषण दूर करने के लिए सरकार के साथ समाज और लोगों की भागीदारी जरूरी है। अपनी प्राचीन गौरवशाली परम्परा को आगे बढ़ाते हुए बच्चों के स्वस्थ, कुपोषण मुक्त, सुखद भविष्य के लिए सहयोग करें।