क्या चिंतन शिविर से बढ़ी सोनिया की चिंता? छोटे दलों से गठबंधन पर रार, इस मुद्दे पर बनी सहमति…. क्या प्रियंका वाड्रा को मिलेगी कमान कि जिम्मेदारी?….

क्या चिंतन शिविर से बढ़ी सोनिया की चिंता? छोटे दलों से गठबंधन पर रार, इस मुद्दे पर बनी सहमति…. क्या प्रियंका वाड्रा को मिलेगी कमान कि जिम्मेदारी?….

May 15, 2022 0 By Central News Service

रायपुर/ राजस्थान 15 मई 2022/ अभी तक राजस्थान में कांग्रेस का महामंथन चल रहा है। कांग्रेस ने नव संकल्प शिविर संगठन को मजबूत करने और भविष्य की रणनीति का खाका तैयार करने के लिए आयोजित किया है। ऐसे में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की नाराजगी भी साफ़ दिखाई दे रही हैं। आने वाले चुनाव को मद्दे नजर रखते हुए कांग्रेस कुछ बड़े फैसले भी लेने जा रहे है. ज्यादातर सदस्यों की राय है कि कांग्रेस को नए सहयोगियों की तलाश करनी चाहिए। पर शिविर में नेतृत्व मुद्दा छाया रहा। इस दौरान कई नेताओं ने प्रियंका गांधी वाड्रा को भी अध्यक्ष बनाने की मांग की।

आज ‘चिंतन शिविर’ का आखिरी दिन


राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस द्वारा आयोजित हो रहे चिंतन शिविर का आज तीसरा और आखिरी दिन है. कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर रोडमैप सहित अन्य घोषणाएं करने के लिए छह समितियों द्वारा की गई सिफारिशों पर विचार करेगी. चिंतन शिविर के लिए बनाई गई सभी 6 समितियों ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को रिपोर्ट सौंप दी है. कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक जारी है, जिसमें इन समितियों के ‘एक परिवार, एक टिकट’ समेत कई प्रस्तावों पर मुहर लगेगी और फिर पार्टी में होने वाले बदलावों की घोषणा की जाएगी।

राज्य स्तर पर गठबंधन करना चाहिए?


पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बिहार कांग्रेस के नेताओं ने गठबंधन का विरोध किया। उनकी दलील थी कि दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए कांग्रेस को मजबूत करने की जरूरत है। सबसे ज्यादा मतभेद हार के कारणों पर चिंतन को लेकर है। पार्टी नेता हार के कारणों पर अपनी राय रखना चाहते हैं।

दीपेंद्र हु्ड्डा का क्या था कहना?


कहा कि उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर लाना चाहिए। उन्हें यूपी तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए। बिहार कांग्रेस की नेता रंजीत रंजन ने भी इससे सहमति जताई कि प्रियंका गांधी को सिर्फ एक राज्य तक सीमित नहीं रखना चाहिए। हालांकि, नव संकल्प शिविर के लिए उदयपुर में सिर्फ सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्षों के पोस्टर लगाए लगाए हैं। प्रियंका गांधी का कोई पोस्टर नहीं है।

‘अध्यक्ष बनाने के लिए नहीं हो रहा शिविर’


डेलिगेट्स ने कहा कि कांग्रेस के अध्यक्ष नहीं चुन पाने से नुकसान हुआ है। पॉलिटिकल कमेटी में शामिल आचार्य प्रमोद कृष्णन जब बोले कि एक डेलिगेट ने कहा कि राहुल गांधी अध्यक्ष नहीं बनना चाहते है तो प्रियंका गांधी को अध्यक्ष बना दो, जब उन्होंने यह बात कही तो प्रियंका और सोनिया गांधी दोनों मौजूद थी इसलिए उन्हें चुप कराते हुए यह कहा गया कि यह मीटिंग अध्यक्ष बनाने के लिए नहीं हो रहा है।

सोशल इंजीनियरिंग’ की राह अपनाने की तैयारी में कांग्रेस
लगातार चुनावी हार के चलते अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही कांग्रेस कमजोर वर्गों को एक बार फिर से अपने साथ जोड़ने के लिए ‘सोशल इंजीनियरिंग’ की राह अपनाने की तैयारी में है. वह अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदायों के लिए संगठन में हर स्तर पर 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व सुनिश्चित कर सकती है. पार्टी के चिंतन शिविर के दूसरे दिन इस विषय पर सहमति बनाने के साथ ही कांग्रेस ने महिला आरक्षण को लेकर कोटे के भीतर कोटा के प्रावधान पर अपने रुख में बदलाव की तरफ कदम बढ़ाया और उसने निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की पैरवी का मन बनाया।