छत्तीसगढ़ में 30 हजार स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर, स्वास्थ्य सेवाएं पूरी ठप, मरीजों को अस्पताल से छुट्टी
April 11, 2022
छत्तीसगढ़ः 30 हजार स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर, स्वास्थ्य सेवाएं ठप, मरीजों को अस्पताल से छुट्टी
रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार से तीन दिन की हड़ताल पर चले गए हैं। इसके चलते सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गई हैं। रायगढ़ में तो मरीजों को अस्पताल से छुट्टी तक दे दी गई। यहां इमरजेंसी सेवाएं तक बंद हैं। वहीं जांजगीर में दवा स्टोर में ताले पड़े हुए हैं। ऐसे ही हालात बिलासपुर में हैं। हालांकि यहां इमरजेंसी सेवाएं चालू हैं।
प्रदेश में करीब 25 से 30 हजार स्वास्थ्य कर्मचारी हैं। यह कर्मचारी मंहगाई भत्ता एरियर्स, गृह भाड़ा भत्ता को सातवें वेतनमान के आधार पर पुनरीक्षण सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस हड़ताल का आह्वान छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी महासंघ की ओर से किया गया है। इसमें कर्मचारियों के साथ ही स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट, टेक्नीशियन और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी शामिल हैं।
रायपुर में प्रदर्शन करते कर्मचारी।
रायपुर में प्रदर्शन करते कर्मचारी।
रायगढ़ : एक्स-रे, पैथोलॉजी सहित अन्य सुविधाएं भी बंद
रायगढ़ जिले में करीब 1000 स्वास्थ्य कर्मचारी हैं। इनमें से 350 कर्मचारी शहरी क्षेत्र में हैं। इनके एक साथ काम बंद कर देने से एक्स-रे, पैथोलॉजी सहित सभी सुविधाएं बंद हो गई हैं। जिला अस्पताल के साथ ही अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में ताले लटके हैं। यहां तक कि इमरजेंसी सेवाएं भी बंद हैं। ओपीडी में डॉक्टर तो अपने समय पर पहुंच गए थे, लेकिन हड़ताल के चलते मरीज ही नहीं आए।
रायगढ़ के जिला अस्पताल में एक्स-रे और आपात सेवाएं बंद हैं।
रायगढ़ के जिला अस्पताल में एक्स-रे और आपात सेवाएं बंद हैं।
नर्सिंग कॉलेज स्टॉफ को बुलाया गया काम के लिए
वहीं जो मरीज भर्ती थे, उन्हें भी जिला अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। ज्यादातर मरीज घर चले गए हैं या फिर प्राइवेट अस्पताल में शिफ्ट हो गए हैं। अस्पताल में बेड खाली हैं। जो तीन-चार मरीज बचे हैं, उनका ऑपरेशन होना है। ऐसे में डर के चलते उनके परिजन बोलने से बच रहे हैं। फिलहाल अस्पताल प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए मेडिकल कॉलेज के नर्सिंग कॉलेज से स्टॉफ को बुलाया है।
जांजगीर के जिला अस्पताल स्थित दवा वितरण केंद्र में लटका ताला।
जांजगीर के जिला अस्पताल स्थित दवा वितरण केंद्र में लटका ताला।
जांजगीर : ओपीडीबंद हुई, दवा-पट्टी देने वाला भी कोई नहीं
यही हालात जांजगीर में भी हैं। वहां एक्स-रे और दवाई बांटने के केंद्र बंद हैं। इसके चलते ओपीडी भी ठप हो गई है। यहां हादसे के शिकार मरीजों या फिर चोटिल मरीजों की पट्टियां बांधने तक के लिए कोई नहीं है। बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल में 57 कर्मचारी हैं, सभी हड़ताल में शामिल हैं। इस दौरान कई मरीज ऐसे भी हैं, जो दूर-दराज के गांव से आए, लेकिन अब उपचार के लिए भटक रहे हैं।
बिलासपुर सिम्स में लगी मरीजों की लाइन।
बिलासपुर सिम्स में लगी मरीजों की लाइन।
बिलासपुर : दावे फेल, मरीज परेशान
बिलासपुर CIMS के 450 तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के साथ ही टेक्नीशियन, जिला अस्पताल के 110 से अधिक नर्स सहित तखतपुर ब्लॉक के 135, मस्तूरी के 82, बिल्हा के 134 और कोटा के 95 सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। अस्पताल प्रबंधन का दावा था कि दिक्कत नहीं आएगी, लेकिन मरीज वहां भी परेशान होते रहे।
हड़ताल कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों की मांगे
केंद्र के समान 34 प्रतिशत मंहगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के अनुसार गृहभाड़ा भत्ता दिया जाए।
कर्मचारियों का कहना है कि अभी उन्हें प्रदेश सरकार सिर्फ 17 प्रतिशत महंगाई भत्ता दे रही है।
सभी कैडरों की वेतन विसंगति को दूर किया जाए।
संविदा प्रथा समाप्त कर नियमित नियुक्ति दें।
CIMS अधीक्षक डॉ. नीरज शेंडे ने कहा था कि इलाज में अव्यवस्था न हो इसके लिए इटर्न मेडिकल स्टूडेंट्स के साथ ही नर्सिंग ट्रेनिंग ले रहे स्टूडेंट्स की मदद ली जाएगी। फिर भी इतने सारे कर्मचारी एक साथ स्ट्राइक पर जाएंगे तो काम तो प्रभावित होगा ही। CIMS में बहुत जरूरत पड़ने पर ही मरीजों को भर्ती करेंगे। रुटीन इलाज में परेशानी हो सकती है। लेकिन, इमरजेंसी में लोगों को इलाज मिलता रहेगा।
जीपीएम में प्रदर्शन करते हड़ताली कर्मचारी।
जीपीएम में प्रदर्शन करते हड़ताली कर्मचारी।
जीपीएम : यहां अन्य शासकीय कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ अन्य शासकीय कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हो गए हैं। इसके चलते सारे शासकीय कार्यालयों में ताले बंदी जैसा माहौल है। कर्मचारी 11 से 13 अप्रैल 3 दिन का आकस्मिक अवकाश लेकर कर्मचारी भवन के सामने मैदान ज्योतिपुर गौरेला में प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार को पहले ही अल्टीमेटम दे दिया था