दवा कंपनियों के अनुचित व्यापार पर FMRAI की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जारी किया नोटिस

दवा कंपनियों के अनुचित व्यापार पर FMRAI की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जारी किया नोटिस

March 13, 2022 0 By Central News Service

फेडरेशन ऑफ मेडिकल एवं सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन्स आफ इंडिया (FMRAI) की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दवा कंपनियों द्वारा अनैतिक मार्केटिंग #Uniform_Code_of_Pharmaceuticals_Marketing_Practices (UCPMP) के आरोप वाली एक याचिका पर शुक्रवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। याचिका में फार्मास्युटिकल कंपनियों द्वारा स्वास्थ्य पेशेवरों के साथ मिलीभगत के तहत अनैतिक मार्केटिंग का आरोप लगाया गया है, जिसके परिणामस्वरूप अत्यधिक महंगी या तर्कहीन दवाएं लिखी जाती हैं।
याचिका में कहा गया है कि अनैतिक विपणन प्रथाओं के कारण ही महंगी दवाओं को खाने की सलाह दी जाती है, जो नागरिकों के स्वास्थ्य व जीवन के अधिकार को प्रभावित करती है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्य कांत की पीठ ने याचिकाकर्ता फेडरेशन ऑफ मेडिकल, सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ऑफ इंडिया और अन्य की ओर से पेश वरिष्ठ वकील संजय पारिख की दलीलें सुनने के बाद केंद्र से जवाब मांगा है।
याचिका में फार्मास्युटिकल विभाग, कानून एवं न्याय मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को प्रतिवादी बनाया गया है। याचिका में तर्क दिया गया है कि यह उचित समय है जब स्वास्थ्य के अधिकार को सुनिश्चित करने में कमी को तत्काल एक उपयुक्त कानून द्वारा भरा जाए। याचिकाकर्ता का कहना है कि ऐसे कई उदाहरण हैं जो दिखाते हैं कि कैसे फार्मास्युटिकल क्षेत्र में भ्रष्टाचार ने सकारात्मक स्वास्थ्य परिणामों और रोगियों के स्वास्थ्य को खतरे में डाल दिया है।

FMRAI ने वैधानिक संहिता बनाने की मांग करते हुए

याचिका में तर्क दिया गया कि मौजूदा कोड की स्वैच्छिक प्रकृति के कारण अनुचित मार्केटिंग बढ़ती रही और कोविड-19 के दौरान भी ये सामने आई हैं। इसके विपरीत अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, हंगरी, इटली, यूके, वेनेजुएला, अर्जेंटीना, रूस, चीन, हांगकांग, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, फिलीपीन, मलेशिया और ताइवान सहित कई देशों ने दवा क्षेत्र में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कड़े कानून