एल आई सी के आई पी ओ के खिलाफ विरोध दिवस मनाया गया।

एल आई सी के आई पी ओ के खिलाफ विरोध दिवस मनाया गया।

March 10, 2022 0 By Central News Service

एल आई सी के आई पी ओ के खिलाफ विरोध दिवस मनाया गया।
रायपुर। केंद्र सरकार द्वारा भारतीय जीवन बीमा निगम में 5 प्रतिशत हिस्सेदारी आई पी ओ के माध्यम से बेचे जाने के खिलाफ आज बीमाकर्मियो द्वारा विरोध दिवस मनाया
गया। आज संध्या एल आई सी के पंडरी स्थित मंडल कार्यालय के समक्ष सैकड़ों कर्मचारियों ने मोमबत्तियां जलाकर मानव श्रृंखला बनाई तथा देश के सर्वाधिक शक्तिशाली सार्वजनिक वित्तीय संस्थान की रक्षा हेतु आम जनता से आगे आने का अनुरोध किया। इस दौरान पुरजोर नारेबाजी भी की गई। इस अवसर पर संपन्न सभा को संबोधित करते हुए सेंट्रल जोन इंश्योरेंस एम्पलाईज एसोसिएशन के महासचिव काम धर्मराज महापात्र ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अपने राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए देश के सर्वाधिक लाभप्रद बीमा उद्योग को बेच रही है। उन्होंने कहा कि इस आई पी ओ में एल आई सी कोई नये शेयर नही जारी कर रही है अपितु इसे ओ एफ एस का रूप दिया गया है। इसके कारण आई पी ओ से प्राप्त होनेवाली पूरी राशि सरकार के खाते में जायेगी और एल आई सी को कुछ भी नही मिलेगा। स्पष्ट है कि सरकार अपने घाटे को पूरा करने के लिए देश के सार्वजनिक उद्योगों की बलि चढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि आई पी ओ निजीकरण की ओर बढ़ाया गया पहला कदम है। सरकार हड़बडी में इस प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है। इस हेतु संस्थान के अंतर्निहित मूल्य को बहुत कम आँका गया है। स्पष्ट है कि केंद्र सरकार द्वारा सार्वजनिक व सरकारी क्षेत्रों की संपत्तियों की नीलामी करने के राजनीतिक फैसले के तहत ही एल आई सी को शेयर बाजार में सूचीबद्ध किया जा रहा है। बीमाकर्मियो के अखिल भारतीय संगठन आल इंडिया इंश्योरेंस एम्पलाईज एसोसिएशन ने सरकार के इस निर्णय के खिलाफ व्यापक जन लामबंदी की घोषणा करते हुए कहा है कि आई पी ओ जारी होनेवाले दिन देश भर के एल आई सी कार्यालयों में हड़ताल रखी जायेगी। इसके साथ ही देश के 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आहूत 28 व 29 मार्च की 2 दिवसीय राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल में भी बीमाकर्मी अपनी माँगो को लेकर सम्मिलित होंगे। एल आई सी ने सन् 1956 में मात्र 5 करोड़ रुपयो की धनराशि से अपना कार्य आरंभ किया था और आज इस संस्थान के पास 39 लाख करोड़ रुपयो की परिसंपत्ति है। यह विश्व की श्रेष्ठ जीवन बीमा प्रदाता कंपनियों में से एक है और इसके पास 40 करोड़ पालिसी धारक है। एल आई सी का दावा निष्पादन 99.85% से अधिक है और आम जनता को इस पर पूर्ण विश्वास है। भारत में जीवन बीमा उद्योग में निजी कंपनियों के प्रवेश के बावजूद 23 निजी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा करते हुए एल आई सी बीमा मार्केट पर अपना एकाधिकार कायम रखे हुए है। राष्ट्रीयकरण के घोषित लक्ष्यों से बहुत अधिक पूरा करते हुए एल आई सी ने देश के आधारभूत क्षेत्रों के विकास में बहुत अधिक योगदान दिया है। देश की आम जनता की बचत से अर्जित आय को देश के विकास में अब तक एल आई सी उपयोग करती आ रही है। लेकिन इसे शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने के बाद एल आई सी द्वारा अर्जित किया जा रहा बेशुमार मुनाफा चंद निजी हाथो में चला जायेगा तथा सरकार देश व पालिसीधारको के उपर शेयर धारको के लाभ को प्राथमिकता देगी। देश भर की जनता इसका व्यापक विरोध कर रही है। हमारे संगठन ने 15 करोड़ देशवासीयो से आई पी ओ के खिलाफ हस्ताक्षर करवाकर सरकार को सौंपे है। देशभर में सांसदो को इसके खिलाफ ज्ञापन सौंपे गये है। देश के लाखों प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने प्रधानमंत्री व वित्तमंत्री को पत्र लिखकर आई पी ओ का कड़ा विरोध किया है। अभी मध्य क्षेत्र में हजारो पालिसीधारको द्वारा वित्त मंत्री को प्रतिदिन पोस्टकार्ड लिखे जा रहे है। बीमाकर्मियो का संघर्ष ही एल आई सी के करोडो पालिसीधारको की बचत की सुरक्षा की गारंटी भी है। सभा को आर डी आई ई यू के महासचिव काम सुरेंद्र शर्मा ने संबोधित करते हुए केंद्र सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र व एल आई सी के निजीकरण की नीतियों के खिलाफ जारी जन अभियान को तीव्र करने की घोषणा की।