दत्तात्रेय में ब्रह्मा-विष्णु-महेश तीनों ईश्वरीय शक्तियां समाहित – उमेश भगवान दत्तात्रेय प्राकट्य उत्सव पर गणेश जी व दत्तात्रेय की प्रतिमा भव्य कलश यात्रा के साथ स्थापित

दत्तात्रेय में ब्रह्मा-विष्णु-महेश तीनों ईश्वरीय शक्तियां समाहित – उमेश भगवान दत्तात्रेय प्राकट्य उत्सव पर गणेश जी व दत्तात्रेय की प्रतिमा भव्य कलश यात्रा के साथ स्थापित

January 3, 2022 0 By Central News Service

रायपुर 03 जनवरी 2022/-“जिसके आदि में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु तथा अन्त में सदाशिव है, ब्रह्मज्ञान जिनकी मुद्रा है, आकाश और भूतल जिनके वस्त्र है तथा जो साकार प्रज्ञानघन स्वरूप है, उन भगवान दत्तात्रेय को बारम्बार नमस्कार है। ब्रह्माजी के मानस पुत्र महर्षि अत्रि एवं कर्दम ऋषि की पुत्री अनुसुइया से उत्पन्न भगवान दत्तात्रेय में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों ईश्वरीय शक्तियां समाहित है।” उक्त उद्गार थे छत्तीसगढ़ सनातन दशनाम गोस्वामी समाज पाटन परिक्षेत्र के गांव गुढ़ियारी शिव मंदिर प्रांगण में आयोजित दत्तात्रेय प्राकट्य उत्सव में समाज के प्रांताध्यक्ष उमेश भारती गोस्वामी के। कार्यक्रम का प्रारंभ भव्य शोभायात्रा के साथ प्रारंभ हुआ।

विघ्नहर्ता श्री गणेश एवं भगवान दत्तात्रेय की प्रतिमा को शोभायात्रा के साथ भ्रमण कराया गया। मां शीतला के प्रांगण में पूजा-अर्चना कर वहां के तालाब से पानी लिया गया पश्चात् शिव मंदिर प्रांगण में वैदिक मंत्रोचार के साथ गणेश जी एवं दत्तात्रेय प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा पं.प्रकाश बन गोस्वामी के द्वारा कराया गया। इस अवसर पर समाज महंत श्रद्धेय गजानंद बन गोस्वामी ने कहा कि “गुढ़ियारी गोस्वामी समाज के लिए एक तीर्थस्थल के रूप में स्थापित हो रहा है। मंदिर में अष्टकोणीय स्वयंभू महादेव बरबस ही ध्यान व भक्ति की ओर प्रेरित करती है। स्थल के विकास हेतु तन-मन-धन से सहयोग की अपेक्षा है।” इस अवसर पर कार्यक्रम के अतिथि मत्स्य बोर्ड के अध्यक्ष व खादी ग्रामोद्योग आयोग के सदस्य कौशल चंद्राकर जी ने माननीय मुख्यमंत्री जी, जो कि पाटन विधानसभा क्षेत्र के विधायक भी हैं, से चर्चा कर हर संभव सहायता करने का आश्वासन दिया। क्षेत्र के जनपद सदस्य खिलेश यादव ने बोर मशीन हेतु एक लाख रुपए की घोषणा भी। आयोजन समिति के संरक्षक राजेंद्र बन ने जानकारी दी कि स्वयंभू महादेव मंदिर परिसर में पार्वती, कार्तिकेय, गणेश जी व नंदी की प्रतिमा है। सामने नागा महाराज जी की समाधि स्थल है तथा बजरंग बली की प्रतिमा भी स्थापित है। मंदिर परिसर में दायीं ओर प्राचीन बावड़ी है जिसमें पचरी निर्माण कर संरक्षित करने की आवश्यकता है। परिसर ढाई एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है जहां पर बेल, आम, गंगा इमली, आंवला, बहेरा, अशोक आदि के वृक्ष हैं। सामाजिक भवन का निर्माण प्रशासन व समाज के सहयोग से हो गया है जहां पर स्थानीय गोस्वामी समाज की गतिविधियां संचालित की जा रही है। कार्यक्रम के प्रांतीय संगठन सचिव पोखराज बन ने कहा कि ‘इसी तरह जिला, खंड व परिक्षेत्र स्तर पर छोटे-छोटे कार्यक्रम सामाजिक जागरूकता के लिए आवश्यक है।” दुर्ग जिला के अध्यक्ष धनराज पुरी ने दत्तात्रेय जयंती पर प्रत्येक वर्ष आयोजन करने का संकल्प लिया कार्यक्रम को जगदलपुर जिला अध्यक्ष प्रकाश बन, सरपंच भूपेंद्र चन्द्राकर, बालोद जिला के प्रतिनिधि दुष्यंत पुरी, बिलासपुर जिला के शिवरतन गिरी, रायपुर जिला के राकेश गोस्वामी, महेश्वर बन, उमेश गिरि, सन्नी गोस्वामी आदि ने संबोधित किया। इस अवसर पर विवाह योग्य युवक-युवतियों का परिचय सम्मेलन भी आयोजित किया गया तथा समाज की विशिष्ट प्रतिभाओं तथा दानदाताओं का स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान भी किया गया। समाज के बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति ने सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम का सफल संचालन दुर्ग जिला सचिव दुष्यंत गिरी तथा आभार प्रदर्शन संरक्षक आयोजन समिति की ओर से मनीष बन ने किया।


इस अवसर पर भारद्वाज गिरी गोस्वामी, हरीश बन, बद्री गोस्वामी, विशाल, अमन, चुरामन, रमापुरी, पप्पू जनार्दन, किशोर गोस्वामी, रमन गिरी, अमित गोस्वामी, श्रीकांत गिरी, नीलेश, सुमित बन, गगन गोस्वामी, कमल, मनहरण, नीलकमल, विमल बन, हेमंत बन, देवेश बन, प्रवीण बन, संतोष पुरी, अनिरुद्ध पुरी, धनशय पुरी, नीरज पुरी, सोमेश्वर बन, नीरज बन, मनोज, परमेश्वर, दिनेश, ओमपुरी गोसाई, धनेश्वर, सुभाषिनी गोस्वामी, गया देवी, मंजूलता,अंजू, नीलम, अश्वनी गोस्वामी, कल्याणी, कुसुम, रेखा, कामिनी, माधुरी, ममलेश्वरी, मेघा, बिसाहीन गोस्वामी, गुलाब, मेनका, कृति,अमृता, नंदनी, तारिणी, पूनम, मधुलता, उषाकिरण, पुष्पा, नमिता, रेणु, सोनल, प्रिया, सरला देवी, रोहिणी, कमला, खुशी, मंजुला, रीना, सहित बड़ी संख्या में गोस्वामीजन उपस्थित थे।
उक्ताशय की जानकारी जिला मीडिया प्रभारी भारद्वाज गिरी ने दी।