गोस्वामी समाज सनातन संस्कृति के ध्वजवाहक – महंत रामसुंदर दास,राजिम में जुटे प्रदेश भर के गोस्वामीजन, भगवान दत्तात्रेय जयन्ती पर प्रदेश स्तरीय समारोह हुआ सनातन संस्कृति के प्रतीक भगवा ध्वज लेकर भव्य शोभायात्रा..
December 19, 2021रायपुर 19 दिसंबर 2021/ भगवान दत्तात्रेय प्राकट्य दिवस पर राजीव लोचन की पावन धरा ऐतिहासिक धर्मनगरी राजिम में दत्तात्रेय जयंती समारोह का आयोजन श्री श्री महंत राजे श्री डॉ. रामसुंदर दास जी अध्यक्ष गौ सेवा आयोग छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य आतिथ्य व गोस्वामी समाज के प्रांताध्यक्ष उमेश भारती गोस्वामी की अध्यक्षता तथा रेखा राजू सोनकर अध्यक्ष नगर पंचायत राजिम, राघोबा जी महाडिक पूर्व अध्यक्ष नगर पंचायत, पुष्पा गोस्वामी सभापति नगर पंचायत राजिम के विशेष आतिथ्य में संपन्न हुआ।
इस अवसर पर अति विशिष्ट अतिथि के रूप में समाज के महंत श्रद्धेय गजानंद बन जी, संरक्षक द्वय लिल्लार पुरी तथा चित्रसेन गिरि मंचस्थ थे। कार्यक्रम का प्रारंभ वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान दत्तात्रेय की पूजा अर्चना के साथ हुआ। कार्यक्रम में महंत रामसुंदर दास ने कहा कि “भगवान दत्तात्रेय ने जीवन में कई लोगों से शिक्षा ग्रहण की। दत्तात्रेय जी कहते हैं कि जिससे जितना-जितना गुण मिला है उनको उन गुणों को प्रदाता मानकर उन्हें अपना गुरू माना है, इस प्रकार उन्होंने 24 गुरू बनाए।” उन्होंने कहा कि गोस्वामी समाज सनातन संस्कृति के ध्वजवाहक है ये सम्पूर्ण देश भर में मठ, मंदिरों के माध्यम से शिक्षा व संस्कृति का प्रचार प्रसार कर रहे हैं अतः गोस्वामी समाज अन्य समाज के पथ प्रदर्शक अर्थात गुरू समाज है।” कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समाज के प्रांत अध्यक्ष उमेश भारती गोस्वामी ने कहा कि “भगवान दत्तात्रेय में ईश्वर और गुरु दोनों रूप समाहित हैं इसीलिए उन्हें परब्रह्ममूर्ति सद्गुरु और श्रीगुरुदेवदत्त भी कहा जाता है। हिंदू धर्म के त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश की प्रचलित विचारधारा के विलय के लिए ही भगवान दत्तात्रेय ने जन्म लिया था, इसीलिए उन्हें त्रिदेव का स्वरूप भी कहा जाता है। दत्तात्रेय को शैवपंथी शिव का अवतार और वैष्णवपंथी विष्णु का अंशावतार मानते हैं।”
विशिष्ट अतिथि रेखा सोनकर नगर पंचायत राजिम ने कहा “हम दत्तात्रेय भगवान के जीवन की सीख को अपनाएंगे तो हमारी भी कई समस्याएं खत्म हो जाएगी।” सभापति पुष्पा गोस्वामी ने कहा “दत्तात्रेय ने वेद और तंत्र मार्ग का विलय कर एक ही संप्रदाय निर्मित किया था। राघोबा माहड़िक ने राजिम की दत्तात्रेय मंदिर को हिंदू आस्था का केंद्र बताया वही समाज के संरक्षक लिल्लार पुरी ने दत्तात्रेय को गुरु वंश का प्रथम गुरु, साधक, योगी और वैज्ञानिक बताया। हिंदू मान्यता के अनुसार दत्तात्रेय ने पारद से व्योमयान उड्डयन की शक्ति का पता लगाया था और चिकित्सा शास्त्र में भी क्रांतिकारी अन्वेषण किया।’ मुख्य वक्ता श्याम गिरि ने दत्तात्रेय की जन्म कथा व उनके 24 गुरुओं पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर संरक्षक चित्रसेन गिरि, महंत गजानंद बन व विधिक सलाहकार प्रीतम गिरि ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम प्रातः 8:00 बजे से ही भगवान दत्तात्रेय की पूजा-अर्चना वैदिक मंत्रोचार के साथ प्रारंभ हुआ। लोमस ऋषि आश्रम के संत उमेशानंद गिरि और प्रांताध्यक्ष उमेश भारती के नेतृत्व में प्रातः 11:00 बजे प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए हुए गोस्वामीजनों के साथ भव्य शोभा यात्रा प्रारंभ हुई। अपराह्न 12:00 बजे सामूहिक भोज के उपरांत मंचीय कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। अतिथियों के उद्बोधन के पश्चात् प्रदेश के विभिन्न जिलाध्यक्षों द्वारा अपने जिले की प्रतिवेदन की प्रस्तुति की गई, प्रतिवेदन में जिले की संक्षिप्त जानकारी के साथ जिले द्वारा किए गए कार्य, उस कार्य से समाज में प्रभाव व आगामी कार्य योजना की जानकारी दी गई। कांकेर जिले को पूर्ण सदस्यता प्राप्त करने हेतु सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विवाह योग्य युवक-युवतियों का परिचय सम्मेलन, प्रतिभा सम्मान का आयोजन भी किया गया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में समाज की कथा वाचिका गीता गोस्वामी भगवान दत्तात्रेय की महत्ता की कथा सुनाई गई। कार्यक्रम का संचालन काशीपुरी कुंदन, पोखराज बन व अशोक गिरि के द्वारा किया गया तथा आभार प्रदर्शन कार्यक्रम के संयोजक रामकुमार पुरी जी द्वारा किया गया।
इस अवसर पर प्रांतीय उपाध्यक्ष विश्वनाथ पुरी गोसाई, संगठन सचिव मदन गिरि, पोखराज बन, दत्त प्रकाश पत्रिका के संपादक वीरेंद्र रमन गिरी, मानस मर्मज्ञ अर्जुन पुरी, उमेश गिरि, देवेन्द्र गिरि, प्राणेश्वर गिरि दाऊ, कृष्णा भारती, गिरीश पुरी गोसाईं, घनश्याम पुरी, हरिहर विष्णुपुरी, पिताम्बर पुरी, सुरेश बन, कोमल पुरी, राजेन्द्र बन, पप्पू जनार्दन, बद्री, किशोर गोस्वामी, प्रदेश के विभिन्न जिलों के अध्यक्ष वेद पुरी रायपुर, अशोक गिरि महासमुंद, भोज गिरि रायगढ़, होरेन्द्र पुरी कांकेर, धनराज पुरी दुर्ग, काशीपुरी गरियाबंद, प्रकाश बन जगदलपुर, नरेंद्र पुरी, कुबेर प्रकाश गिरि, मनीष बन, नित्यानंद पुरी, तारकेश्वर पुरी, नीलू गोस्वामी, ममता गोस्वामी, शिल्पा गोस्वामी, डोमार पुरी, आयोजन समिति के खुमान पुरी, मोहनपुरी, श्याम गिरि, गिरेन्द्र पुरी, चम्पेश्वर गिरि, संजय गिरि, पद्मन गिरि, रामेश्वर पुरी, छबिलाल पुरी, उमेश गिरि, हरीश पुरी, विकास गिरि, भूपेन्द्र पुरी, संजय पुरी, सुरेन्द्र गिरि, महेश्वर पुरी, राजेन्द्र गिरि, लिल्लार पुरी, याज्ञवल्क्य पुरी, भरत पुरी, ईश्वर पुरी, कोमल पुरी, पोखराज पुरी, रामपुरी, संजय पुरी, भरत गिरि, लक्ष्मण पुरी, खेमराज पुरी, बबला पुरी, किशुन गिरि, पुरुषोत्तम गिरि, अजय गिरि, राजेन्द्र पुरी अखिलेश पुरी सहित प्रदेश भर से बड़ी संख्या में गोस्वामी जनों की उपस्थिति रही।
उक्ताशय की जानकारी प्रांतीय प्रचार सचिव कृष्णा भारती द्वारा दी गई।