रेड रिबन क्लब की उन्मुखीकरण बैठक एवं नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया…

रेड रिबन क्लब की उन्मुखीकरण बैठक एवं नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया…

October 8, 2024 0 By Central News Service

महासमुंद 08 अक्टूबर 2024/ शासकीय माता कर्मा कन्या महाविद्यालय महासमुंद में रेड रिबन क्लब का उन्मुखीकरण कार्यक्रम राष्ट्रीय सेवा योजना एवं यूथ रेड क्रॉस इकाई के संयुक्त तत्वाधान मैं आयोजित हुआ इस अवसर पर प्राचार्य डॉ शीलभद्र कुमार के निर्देशन में नशा मुक्ति अभियान कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। जिसकेअंतर्गत छात्राओं को किसी भी प्रकार का नशा न करने एवं अपने परिवार एवं समाज में भी इसके उपयोग को रोकने की हर संभव प्रयास करने की शपथ दिलाई गई।

इस अवसर पर डॉक्टर सरस्वती वर्मा कार्यक्रम अधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में युवा पीढ़ी विभिन्न प्रकार की नशे जैसे शराब तंबाकू बीड़ी सिगरेट गुटका से ग्रसित है हमें अपने परिवार के सदस्यों को भी जो किसी भी प्रकार की नशा करते हैं उन्हें छुड़ाने के लिए अग्रसर होना पड़ेगा ताकि हम अपने परिवार से ही इस अभियान में जुड़ सके।

यूथ रेड क्रॉस इकाई की कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर श्वेता लाना नागल ने छात्राओं को विभिन्न प्रकार के नशा और उससे होने वाली भयानक बीमारियों जैसे एड्स कैंसर की जानकारी दी की किस प्रकार वह हमारे जीवन के लिए घातक सिद्ध हो सकते हैं कभी-कभी हमारे परिवार के विघटन का कारण भी नशा ही होता है । साथ ही उन्होंने रेड रिबन क्लब के अंतर्गत
एड्स की जानकारी दी जो एच.आई.वी. नामक विषाणु से होता है। संक्रमण के लगभग 12 सप्‍ताह के बाद ही रक्‍त की जॉंच से ज्ञात होता है कि यह विषाणु शरीर में प्रवेश कर चुका है, ऐसे व्‍यक्ति को एच.आई.वी. पोजिटिव कहते हैं। एच.आई.वी. पोजिटिव व्‍यक्ति कई वर्षो (6 से 10 वर्ष) तक सामान्‍य प्रतीत होता है और सामान्‍य जीवन व्‍यतीत कर सकता है, लेकिन दूसरो को बीमारी फैलाने में सक्षम होता है।
यह विषाणु मुख्‍यतः शरीर को बाहरी रोगों से सुरक्षा प्रदान करने वाले रक्‍त में मौजूद टी कोशिकाओं (सेल्‍स) व मस्ति‍ष्‍क की कोशिकाओं को प्रभावित करता है और धीरे-धीरे उन्‍हे नष्‍ट करता रहता है कुछ वर्षो बाद (6 से 10 वर्ष) यह स्थिति हो जाती है कि शरीर आम रोगों के कीटाणुओं से अपना बचाव नहीं कर पाता और तरह-तरह का संक्रमण (इन्‍फेक्‍शन) से ग्रसित होने लगता है इस अवस्‍था को एड्स कहते हैं।


एड्स का खतरा किसके लिए एक से अधिक लोगों से यौन संबंध रखने वाला व्‍यक्ति।नशीली दवाईयां इन्‍जेकशन के द्वारा लेने वाला व्‍यक्ति।पिता/माता के एच.आई.वी. संक्रमण के पश्‍चात पैदा होने वाले बच्‍चें।बिना जांच किया हुआ रक्‍त ग्रहण करने वाला व्‍यक्ति। एड्स से बचाव के जीवन-साथी के अलावा किसी अन्‍य से यौन संबंध नही रखे।सु‍रक्षित यौन संबंध के लिए निरोध का उपयोग करें।मादक औषधियों के आदी व्‍यक्ति के द्वारा उपयोग में ली गई सिरिंज व सूई का प्रयोग न करें।रक्‍त की आवश्‍यकता होने पर अनजान व्‍यक्ति का रक्‍त न लें,।

कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एस बी कुमार ने सभी छात्राओं की प्रशंसा की और इसी प्रकार राष्ट्रीय कार्यक्रमों में सक्रिय योगदान के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर सहायक अध्यापक सुश्री वंदना यादव प्रेरणा एकता श्रीमती कविता गहिर श्री तुलसी साहू एवं अन्य स्वयंसेवक उपस्थित रहे।