9 सितंबर 2024 को होने वाली 54वें जीएसटी काउंसिल की बैठक के लिए चेंबर ने केन्द्रीय वित्तमंत्री, जीएसटी आयुक्त एवं राज्य जीएसटी आयुक्त को सरलीकरण के संबंध में सुझाव भेजा
September 4, 20249 सितंबर 2024 को होने वाली 54वें जीएसटी काउंसिल की बैठक के लिए चेंबर ने माननीया केन्द्रीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, केन्द्रीय जीएसटी आयुक्त माननीय मो.अबु समा (आई.आर.एस.) एवं राज्य जीएसटी आयुक्त माननीय श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा जी को जीएसटी सरलीकरण के संबंध में सुझाव भेजा
छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव,राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि 9 सितंबर 2024 को होने वाली 54वें जीएसटी काउंसिलिंग की बैठक में सुझाव देने हेतु चेंबर भवन में विभिन्न व्यापारिक- औद्योगिक संगठनों एवं पदाधिकारियों की बैठक संपन्न हुई थी । इसी तारतम्य में आज चेम्बर द्वारा जीएसटी सरलीकरण हेतु सुझाव के संबंध में माननीया केन्द्रीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, केन्द्रीय जीएसटी आयुक्त माननीय मो.अबु समा (आई.आर.एस.) रायपुर एवं राज्य जीएसटी आयुक्त माननीय श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा जी को जीएसटी सरलीकरण के संबंध में सुझाव भेजा गया।
चेंबर प्रदेश अध्यक्ष श्री पारवानी जी ने बताया कि 9 सितंबर 2024 को होने वाली 54वें जीएसटी काउन्सिल की बैठक में जीएसटी सरलीकरण हेतु सुझाव देने तथा प्रदेश के व्यापारियों में जीएसटी को लेकर आ रही परेशानियों के संबंध में चेंबर भवन में विभिन्न व्यापारिक-औद्योगिक संगठनों एवं पदाधिकारियों की बैठक रखी गई थी जिसमंे जीएसटी सरलीकरण को लेकर विभिन्न सुझाव प्राप्त हुए जिसे प्रमुख रूप से चेंबर ने सुझावों को सूचीबद्ध किया।
प्रमुख सुझाव निम्नानुसार हैः-
- इनपुट टैक्स क्रेडिट जीएसटीआर 2बी के आधार मान्य होने सम्बन्धी प्रावधान को वापसलिए जाएं.
- यदि क्रेता द्वारा क्रय सम्बन्धी सभी दस्तावेज एवं भुगतान सम्बन्धी समस्त प्रमाण दिए जाए
तो विभाग द्वारा विक्रेता पर ही कार्यवाही की जानी चाहिए. - RCM संबधित प्रावधान.
- जीएसटी प्रणाली में ब्याज की गणना के प्रावधान को बदलने बाबत.
- नियम 86 बी के प्रावधानों को निरस्त किये जाएं.
- पूर्व माह का जीएसटीआर -3बी न जमा होने पर जीएसटीआर -1 जमा करने पर
प्रतिबन्ध हटाया जाना चाहिए. - नियम 21 जीएसटी पंजीकरण का निलंबन/निरस्तीकरण.
- (अ) ई-इनवॉइसिंग के 1 अगस्त 2023 से रु.5 करोड़ तक के टर्नओवर वाले व्यापारियों
पर लागू किए गए प्रावधान वापस लिए जाने चाहिए. - (ब) ई-इनवॉइसिंग की स्थिति में खरीददार को इनपुट अनिवार्य रूप से मिलना चाहिए.
- (अ) ई-वे बिल की वैधता अवधि में 50 प्रतिशत की कटौती.
- (ब). माल के परिवहन एवं ई-वे बिल सम्बंधित समस्याएं.10. छुटे हुए इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने एवं वार्षिक विवरण पत्र में संशोधन किए जाने हेतु अवसर प्रदान
करने बाबत. - जीएसटी वार्षिक विवरण के सम्बंध में सुझाव.
- ब्याज, पेनाल्टी एवं विलंब शुल्क से छुट प्रदान करने हेतु .
- जीएसटी रजिस्ट्रेशन सरेंडर करने हेतु.
- रिटर्न सम्बंधित अन्य समस्याएं.
- जीएसटी के प्रावधानों में सुधार हेतु अन्य सुझाव.
- व्यवसाय को राहत देने एवं इज आफ डुईंग हेतु सुझाव.
- जीएसटी की दर में कमी करने हेतु सुझाव.
- एक व्यवसाय एक कर.
- आईजीएसटी आउटपुट के भुगतान के लिये सीजीएसटी या एसजीएसटी इनपुट का
उपयोग करने के लिये समान विकल्प दिया जाना चाहिए. - आंशिक रूप से/बिना नकद भुगतान के फॉर्म जीएसटीआर 3बी जमा करने का विकल्प
दिया जाना चाहिए. - पंजीयन से सम्बंधित समस्याएं.
चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष श्री पारवानी ने माननीया केन्द्रीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, केन्द्रीय जीएसटी आयुक्त माननीय मो.अबु समा (आई.आर.एस.)एवं राज्य जीएसटी आयुक्त माननीय श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा जी से व्यापार एवं उद्योग के हित में तथा जीएसटी सरलीकरण की दिशा में उपरोक्त सुझावों को ध्यान में रखते हुए जीएसटी कांउसिल की बैठक में शामिल करने हेतु निवेदन किया है।