05 मार्च को प्रदेश स्तर पर राजधानी रायपुर में ओबीसी महासभा का विशाल जन अधिकार रैली

05 मार्च को प्रदेश स्तर पर राजधानी रायपुर में ओबीसी महासभा का विशाल जन अधिकार रैली

March 1, 2023 0 By Central News Service

ओबीसी आरक्षण को लेकर 05 मार्च को ओबीसी महासभा फिर से उतरेंगे सडकों पर
ओबीसी के लिए लागू आरक्षण के बराबर बजट,ओबीसी जनगणना एवं आरक्षण के मुद्दें सहित 25 बिंदुओं पर 05 मार्च को राजधानी रायपुर में महामहिम राज्यपाल एवं माननीय मुख्यमंत्री को अधिकार रैली निकालकर सौपेंगे ज्ञापन -ओबीसी महासभा-ओबीसी राधेश्याम

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पारित आरक्षण विधेयक पर महामहिम राज्यपाल का अभिलंब हस्ताक्षर करने का अनुरोध

अन्य पिछड़ा वर्ग के समुचित विकास एवं उत्थान के लिए लागू आरक्षण के बराबर बजट का प्रावधान करे सरकार
रायपुर:- ओबीसी महासभा द्वारा 05 मार्च 2023 को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में प्रदेश स्तर पर विशाल जन अधिकार रैली निकालकर महामहिम राज्यपाल एवं माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन को ज्ञापन सौंपा जाएगा ।ज्ञापन में राष्ट्रीय स्तर ,प्रदेश स्तर एवं स्थानीय स्तर के मुद्दों को इस प्रकार शामिल किया जाएगा:-
➡️राष्ट्रीय जनगणना में ओबीसी की जनगणना के उपरांत आकड़े प्रकाशित किया जाए तथा जनसंख्या के बराबर न्यायपालिका कार्यपालिका विधायिका एवं सार्वजनिक क्षेत्र एवं निजी क्षेत्र के सभी उपक्रमों में प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जावे
➡️दो दिसंबर2022को पारित आरक्षण विधेयक पर महामहिम राज्यपाल का हस्ताक्षर अविलम्ब किए जाने का अनुरोध।
➡️मंडल कमीशन की अनुशंसाओं को पूर्णतः लागू किया जाए।
➡️प्रत्येक जिला मुख्यालयों में ओबीसी महासभा के लिए भूमि एवं भवन आवंटित किया जाऐ।
➡️प्रत्येक तहसील मुख्यालयों में ओबीसी के लिए पृथक से सर्व सुविधा युक्त छात्रावास की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये ।
➡️राज्य छात्रवृत्ति में विसंगतियों को दूर करते हुये अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की भांति समान शर्तों एवं दरों पर ओबीसी को भी छात्रवृत्ति प्रदान की जाए ।
➡️ओबीसी के शासकीय सेवकों को पदोन्नति में आरक्षण प्रदान की जाए।
➡️छत्तीसगढ़ में कार्यरत लगभग 500000 अनियमित कर्मचारियों को शासकीय सेवा में नियमित किया जाए।
➡️मध्यान भोजन संचालन में अहम योगदान प्रदान करने वाले रसोइयों के मानदेय में वृद्धि किया जावे ।
➡️शालाओं में कार्यरत अंशकालीन स्वीपर एवं गांव में सेवा दे रहे मितानिनों को पूर्णकालिक कर सम्मानजनक वेतन निर्धारण किया जाए।
➡️ आंगनबाड़ी सहायिका/कार्यकर्ताओं को सम्मानजनक वेतन,पदोन्नति एवं पेंशन का प्रावधान किया जावे।
➡️छत्तीसगढ़ प्रदेश के सभी हायर सेकेंडरी शालाओं में कृषि संकाय संचालित की जाये ।
➡️पांचवीं अनुसूची क्षेत्रों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी समुदाय को आबादी के बराबर सीट आरक्षित किया जाऐ।ताकि वहां निवासरत ओबीसी समुदाय को पंच,सरपंच,जनपद सदस्य एवं जिलापंचायत सदस्य बनने का समुचित अवसर मिल सके।
➡️वनपट्टा अधिकार हेतु ओबीसी के लिए लागू शर्तों को सरलीकृत किया जाऐ,ताकि ओबीसी समुदाय के लोगों को वनभूमि अधिकार पत्र आसानी से मिल सके।
➡️धान का समर्थन मूल्य न्यूनतम ₹3500किया जाए तथा प्रति एकड़ कम से कम 20 क्विंटल खरीदी की जाए।
➡️क्रीमी लेयर की असंवैधानिक बाध्यता को बंद किया जाए तथा क्रीमी लेयर के बाध्यता को खत्म करते तक औसत वार्षिक आय का सीमा 800000 से बढ़ाकर 2000000 रुपए किया जाए।
➡️प्रत्येक जिला मुख्यालय में सर्व सुविधा युक्त निशुल्क कोचिंग सेंटर स्थापित किया जावे ।
➡️नारायणपुर जिला निवासी सागर साहू का नक्सलियों ने निर्मम हत्या किया गया उनके परिवार को ₹10000000 रुपए मुआवजा प्रदान किया जाए तथा उनके परिवार के किसी एक सदस्य को क्लास वन पोस्ट पर शासकीय सेवा में नियुक्त किया जाए ।
➡️पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में भर्ती पदोन्नति में ओबीसी को आरक्षण का पर्याप्त लाभ नहीं दिया जा रहा है ।अतः आरक्षण रोस्टर का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए एवंआरक्षण रोस्टर की अवहेलना करनेवाले अधिकारियों के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही किया जावे।
➡️ शासकीय आईटीआई में कार्यरत मेहमान प्रवक्ता प्रशिक्षण अधिकारी एवं शालाओं में कार्यरत विद्या मितान को नियमितीकरण किए जाने का अनुरोध है।
➡️राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों को शासकीय सेवा में नियमितीकरण किये जाने का अनुरोध है।
➡️ राजस्व विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के नामांतरण करने के पश्चात b1 खसरा में डिजिटल हस्ताक्षर नहीं किया जाता है और ना ही नक्शा का बटांकन किया जाता है ,जिससे किसानों को न्यायालय एवं अन्य कार्यों में परेशानी होती है। अस्तु नामांतरण पश्चात तत्काल बी वन खसरा में डिजिटल हस्ताक्षर करना चाहिए और नक्शा का बटांकन करना चाहिए ।पूरे छत्तीसगढ़ में नक्शा बटांकन का कार्य एक अभियान चलाकर किया जाना आवश्यक है ।कई वर्षों तक बटांकन का कार्य नहीं किया गया है। हमेशा B 1खसरा दुरुस्त कर दिया जाता है, लेकिन नक्शा बटांकन नहीं किए जाने के कारण भूमि के सीमांकन एवं अन्य कार्य में असुविधा होती है।
➡️ केंद्र सरकार द्वारा साक्षर भारत कार्यक्रम अंतर्गत 2009 में नियुक्त लगभग 17000 प्रेरकों को विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र अनुरूप नियमित रोजगार प्रदान किया जावे

ओबीसी महासभा प्रदेश इकाई छत्तीसगढ़ के तत्वाधान में प्रदेश अध्यक्ष की कुशल मार्गदर्शन में राजधानी रायपुर में विशाल जनसभा एवं अधिकार रैली का आयोजन 05 मार्च 2023 को छत्तीसगढ़ प्रदेश की राजधानी रायपुर में किया जा रहा है। आयोजन का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ राज्य में ओबीसी को आबादी के अनुरूप शिक्षा, नौकरी, पदोन्नति एवं राजनीति में आरक्षण प्रदान करना है । देश की संघीय संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार सामाजिक एवं शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हुए समुदाय को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग के रूप में 3 वर्गों में वर्गीकृत किया गया है। सामाजिक एवं शैक्षणिक स्थिति के आधार पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को समानता के अवसर उपलब्ध कराते हुए समुचित विकास एवं उत्थान की व्यवस्था किया गया है, तदानुसार केंद्र शासन द्वारा अ. जा. एवं अ. ज. जा. को कुल 22.5 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है एवं केंद्र सरकार ने 1990 में मंडल कमीशन के अनुशंसा के अनुसार संविधान लागू होने के 44 साल बाद माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार 1994 में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, साथ ही राज्यों की स्थिति के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग को राज्य शासन के द्वारा आरक्षण सुनिश्चित करने का अधिकार दिया गया है ,किंतु ओबीसी समुदाय को अविभाजित मध्यप्रदेश में मात्र 14% आरक्षण दिया गया ,जो कि आज पर्यंत छत्तीसगढ़ राज्य में लागू है । वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार ओबीसी समुदाय को 28 साल बाद 27% आरक्षण देने की हिम्मत जुटाई है तो राजभवन से हस्ताक्षर नहीं होने के कारण लंबित है ।बहुसंख्यक ओबीसी समुदाय को आबादी के अनुरूप हिस्सेदारी( आरक्षण) प्रदान नहीं करने के कारण प्रदेश की ओबीसी समुदाय के समुचित विकास एवं उत्थान में अपरिमित नुकसान हो रही है।
ज्ञात हो कि तमिलनाडु ,कर्नाटक, केरल जैसे राज्य सरकार के द्वारा ओबीसी को जनसंख्या के अनुपात में क्रमशः 50, 49 और 40 प्रतिशत प्रतिनिधित्व आरक्षण दिया जा रहा है। माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा 7 नवंबर 2022 को सामान्य वर्ग के लिए 10% ईडब्ल्यूएस आरक्षण को यथावत लागू रखने का निर्णय दिया गया, जिससे इंदिरा साहनी केस में लगाई गई 50% कैपिंग को पार करने के बाद ओबीसी को आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी देने का रास्ता खोल दिया है।
उपरोक्त आरक्षण व्यवस्था के प्रकाश में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति एवं सामान्य वर्ग को जनसंख्या के अनुपात में दिए जा रहे आरक्षण के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में ओबीसी समुदाय को भी आबादी के अनुरूप शिक्षा, रोजगार, पदोन्नति एवं राजनीति में हिस्सेदारी (आरक्षण) प्रदान कर ओबीसी समुदाय के समुचित विकास एवं उत्थान के अवसर प्रदान किया जावे तथा छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र में दो दिसम्बर 2022 को पारित आरक्षण विधेयक में महामहिम राज्यपाल महोदय द्वारा अविलम्ब हस्ताक्षर करने की मांग ओबीसी महासभा करती है।
लेख है विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत की आजादी के बाद से देश प्रदेश के विकास एवं देश की अर्थव्यवस्था में रीढ़ की हड्डी की तरह अति महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले मतदाता, वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य में अन्य पिछड़े वर्ग की लगभग 50% से अधिक आबादी निवासरत है । साथ ही वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष ,नेता प्रतिपक्ष, गृहमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री एवं बहुत से सांसद,विधायकगण ओबीसी समुदाय से आते हैं। समान परिस्थितियों के बावजूद भी ओबीसी समुदाय के लोगों ,युवाओं एवं छात्र छात्राओं के हितों पर लगातार कुठाराघात हो रहा है। अतः ओबीसी समुदाय के उत्तरोत्तर उत्थान एवं प्रगति हेतु छत्तीसगढ़ के महामहिम राज्यपाल छत्तीसगढ़ विधानसभा में पारित आरक्षण विधेयक में अविलंब हस्ताक्षर करें एवं भारत सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण को अध्यादेश पारित कर संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल कर ओबीसी हित में केंद्र सरकार अपनी संवैधानिक प्रतिबद्धता पूर्ण करें।
विशाल जन अधिकार रैली में छत्तीसगढ़ प्रदेश के अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग शामिल होंगे ।