अमेज़न के खिलाफ देश भर के व्यापारियों ने आज किये धरने एवं विरोध प्रदर्शन
November 24, 2021
गांजा, बमों में इस्तेमाल किये गए केमिकल और जहर की बिक्री -क्या यही ई-कॉमर्स है
अमेज़न के खिलाफ देश भर के व्यापारियों ने आज किये धरने एवं विरोध प्रदर्शन
कैट सी.जी. चैप्टर द्वारा जिला कलेक्टर को माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नाम से ज्ञापन सौपा गया
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि देश के ई कॉमर्स व्यापार में पिछले दिनों की कुछ घटनाओं के मद्देनज़र जिसमें अमरीकी कम्पनी अमेज़न ने अपने पोर्टल के जरिये अवैध तरीके से गांजा की बिक्री को सुलभ किया है एवं देश के सुरक्षा बलों के खिलाफ इस्तेमाल होने वाले बमों को बनने में प्रतिबंधित केमिकल सहित अन्य सामान की बिक्री की है, उससे देश का ई-कॉमर्स व्यापार बेहद दूषित हो गया है जिसके खिलाफ जोरदार आवाज़ बुलंद करते हुए कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज देश के 500 से अधिक जिलों के 1200 से अधिक शहरों में प्रचंड विरोध धरना एवं प्रदर्शन कर देश के व्यापारियों का रोष और आक्रोश प्रदर्शित किया और अमेज़न को चेतावनी देते हुए कहा की या तो वो अपने व्यापारिक मॉडल को क़ानून एवं नियमों के अनुरूप कर ले अन्यथा भारत से अपना बोरिया बिस्तर बाँधने की तैयारी कर ले । अब ई-कॉमर्स व्यापार में और अधिक क़ानून एवं नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । कैट ने कहा है की यदि इस मामले में तुरंत कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो देश के व्यापारी भारत व्यापार बंद कर अपनी आवाज़ बुलंद करेंगे। कैट ने कहा की गांजा बेचने का शौक अमेज़न का पुराना है क्योंकि अमरीकी सरकार से अमेज़न ने गांजा बेचने को अधिकृत करने की मांग की हुई है।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने बताया आज छत्तीसगढ सहित देश के कोने-कोने में आयोजित धरनों ने यह सिद्ध कर दिया की बड़ी विदेशी ई-कामर्स कम्पनियों के मोनोपॉली व्यापार मॉडल के खिलाफ़ अब देश भर का व्यापारी लामबंद हो चुका है और इन कम्पनियों द्वारा किए जा रहे क़ानून एवं नियमों के उल्लंघन को और अधिक बर्दाश्त नहीं करेगा। पारवानी एवं दोशी ने बताया कि इसी कड़ी में आज कैट सी.जी. चैप्टर के रायपुर, अम्बिकापुर, मनेन्द्रगढ, बिलासपुर, रायगढ़, चांपा, कोरबा, भाटापारा, तिल्दा, दुर्ग, राजनांदगांव, भिलाई, धमतरी, कांकेर, सराईपाली, बसना, अभनपुर, महासंमुद, सहित अन्य सभी ईकाइयों में धरना प्रदर्शन कर केन्द्र सरकार द्वारा टेक्सटाईल एवं फुटवियर में जीएसटी की दर को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत किये जाने के विरोध में जिला कलेक्टर को माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नाम से ज्ञापन सौपां गया ।
कैट ने मांग की है की अमेज़न एवं अन्य ई कॉमर्स कंपनियों के बिज़नेस मॉडल की एक समयबध्द सीमा में जांच की जाए वहीँ जिस तेजी से ड्रग मामले में आर्यन खान की गिरफ्तारी की गई थी, उसी तेजी से गांजा बिक्री मामले में अमेज़न के अधिकारियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए तथा पुलवामा हमले में केमिकल की बिक्री सुलभ करने पर अमेज़न के खिलाफ देशद्रोह का मुक़दमा दर्ज़ किया जाए। कैट ने यह भी मांग की है की क्योंकि यह मामला अंतरराज्यीय है, इस वजह से केंद्र सरकार की एजेंसियों को इस मामले की जांच सौंपी जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई हो और तब तक अमेज़न के ई-कॉमर्स पोर्टल के संचालन को भारत में निलंबित किया जाए।
अमर पारवानी एवं जितेन्द्र दोशी ने बताया की कल ही मिली एक सूचना के अनुसार मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक व्यक्ति ने इंदौर के कलेक्टर को अमेज़न के खिलाफ शिकयत दर्ज़ कराते हुए कहा की उसके बेटे ने 3 माह पहले अमेज़न के जरिये जहर मंगवाया और आत्महत्या कर ली वहीं दो दिन पहले ही मध्य प्रदेश पुलिस ने अमेज़न के ई-कॉमर्स पोर्टल के जरिये लगभग 21 किलो वहीं उसके तुरंत बाद एक अन्य कारवाई में अमेज़न द्वारा बिक्री किये गए 17 किलो गांजा और पकड़ा जबकि मध्य प्रदेश पुलिस से मिली जानकारी के आधार पर 20 नवम्बर को विशाखापत्तनम पुलिस ने अमेज़न के पोर्टल के जरिये 48 किलो गांजा की बिक्री को पकड़ा । बेहद आश्चर्य की बात है की 2019 में अमेज़न के पोर्टल के जरिये पुलवामा आतंकी हमले में इस्तेमाल किये गए बमों का केमिकल जिसमें प्रतिबंधित केमिकल भी शामिल है की बिक्री भी अमेज़न के ई कॉमर्स पोर्टल के जरिये हुई। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा की क्या यही ई-कॉमर्स है जहाँ धड़ल्ले से खुले आम अवैध सामानों की बिक्री हो रही है और सरकारें अभी तक इस मामले पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई है।
पारवानी एवं दोशी ने कहा की इतने बड़े पैमाने पर अवैध गतिविधियां चल रही है लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई इस मामले में नहीं की गई जो सरकारों की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है । साफ़ तौर पर ऐसा लगता है की क़ानून सबके लिए एक समान नहीं है और बड़ी कंपनियों के लिए क़ानून के मायने अलग है और उन्हें किन्ही लोगों का संरक्षण प्राप्त है। यह कोई पहला मामला नहीं है। वर्ष 2016 से ही विदेशी ई- कॉमर्स कंपनियों के क़ानून एवं नियम के उल्लंघन की अनदेखी की गई और कोई भी कार्रवाई नहीं की गई । ऐसा लगता है की उन्हें अपनी मनमानी करने की छूट दी गई । पिछले एक सप्ताह से यह मामला सुर्खि़यों में है लेकिन बेहद अफ़सोस है की न ही केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर कोई बयान आया और मध्य प्रदेश सरकार को छोड़ कर किसी भी राज्य सरकार का कोई बयान आया जबकि रिटेल व्यापार राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आता है। इस भेदभाव को लेकर देश के व्यापारियों में जबरदस्त रोष और आक्रोश है और यदि सरकार अब नहीं चेती और इस मामले में क़ानून के अनुसार त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो देश के व्यापारियों को मजबूर होकर देश भर में एक बड़ा आंदोलन करना पड़ेगा।
धरना प्रदर्शन में कैट सी.जी. चैप्टर के पदाधिकारी, सदस्यगण, सभी व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारी एवं व्यापारीगण उपस्थित रहे।