स्वतंत्रता सेनानी व खादी मजदूरों की पंडरी स्थित संपत्ति में भू माफिया ने लगाई सेंध …ग्राम सेवा समिति के राजस्व रिकार्ड में कूटरचना कर खादी मजदूरों की बेची करोड़ों की जमीन.

स्वतंत्रता सेनानी व खादी मजदूरों की पंडरी स्थित संपत्ति में भू माफिया ने लगाई सेंध …ग्राम सेवा समिति के राजस्व रिकार्ड में कूटरचना कर खादी मजदूरों की बेची करोड़ों की जमीन.

September 23, 2024 0 By Central News Service

रायपुर/स्वतंत्रता सेनानी व खादी मजदूरों की जमीन में भू माफिया के पिता की फौती दर्ज की तहसीलदार मनीष देव साहू पटवारी विरेन्द्र झा ने…….
स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में शामिल खादी बुनकर मजदूरों की पंडरी स्थित संपत्ति में भू माफिया ने लगाई सेंध …….
ग्राम सेवा समिति के राजस्व रिकार्ड में कूटरचना कर खादी मजदूरों की बेची करोड़ों की जमीन…….
कूटरचना करने वाले अधिकारियों व भू माफिया को जेल भेजने खादी मजदूरों ने दिया धरना…..
रायपुर, पूर्ववर्ती सरकार में महासमुन्द व आरंग के भू माफिया हरमीत सिंह खनुजा, रविन्द्र अग्रवाल, जितेन्द्र अग्रवाल द्वारा राजस्व अधिकारियों से साठगांठ कर खादी बुनकर मजदूरों की पंडरी स्थित खादी भंडार की जमीन के राजस्व रिकार्ड में कूटरचना कर 60 साल पूर्व विक्रय की जा चुकी फर्जी रजिस्ट्री से चढ़ाई 1,80,000 वर्गफीट बेशकीमती करोड़ों की जमीन अपने परिवार के 13 सदस्यों के नाम, फिर कूटरचित हकत्याग पत्र तैयार कर उसे पंजीकृत बताकर तहसीलदार अजय चंद्रवंशी से मिलकर 11 लोगों का नाम गैरकानूनी रुप से विलोपित करवा, ग्यारह करोड़ का पार्टनरशीप डीड राज्य सरकार का फर्जी आदेश पत्र बनाकर दशमेश रियल इन्वेस्टर पार्टनर हरमीत सिंग खनुजा उर्फ राजू सरदार एवं अन्य 4 के नाम एक ही दिन में किया ट्रांसफर जबकि पन्द्रह दिवस से पूर्व नामांतरण नहीं हो सकता बुनकर मजदूर व संस्था के पदाधिकारी साल भर पूर्व कूटरचना किए गए राजस्व रिकार्ड को सुधारने लगा रहे राजस्व अधिकारियों के चक्कर, अपनी सम्पत्ति को भू माफिया के चंगुल से छुड़ाने चक्कर लगा कर थके बुनकर मजदूर व समिति के पदाधिकारियों ने गांधी पुतला आजाद चौक में आज दिया धरना, धरने में प्रतीकात्मक विरोध करने बुनकर मजदूरों ने चरखा चलाकर किया विरोध, समिति के मंत्री अजय तिवारी ने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम के युद्ध में स्वदेशी खादी वस्त्रों को बढ़ावा देने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों द्वारा अपने अंशदान से वर्ष 1948 से पंजीकृत खादी बुनकर मजदूरों की संस्था के लिए खादी भंडार खोलने ग्राम पंडरी में 11.73 एकड़ जमीन चार पंजीकृत विक्रय पत्रों द्वारा खरीदी थी वर्ष 1961 में राजस्व अभिलेखों में अपना नाम चढ़ाने के पश्चात् खादी वस्त्रागार व बुनकर मजदूरों के निवास के लिए निर्माण करने तत्कालीन संचालक एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वैंकटेश कोहाड़े द्वारा अनुविभागीय अधिकारी को वर्ष 1963 में आवेदन देकर खसरा नंबर 267, 268, 269, 270, 271, 272, 273, 274, 275, 276, 281, 282, 283, 298, 299/1क, 299/1घ, 299/1छ, 299/1, 300/1 रकबा 10.38 एकड़ डायवर्सन कराया था जिसे अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा 21 अक्टूबर 1963 को मंजुरी दिए जाने के पश्चात् राजस्व विभाग के परिवर्तित संधारण खसरा शीट नंबर 28 के प्लाट नंबर 1,2,3,4,5 एवं 6 देकर दर्ज किया गया था जो कि वर्ष 1964 से लगातार ग्राम सेवा समिति के नाम पर दर्ज चला आ रहा था कि अचानक भू माफिया रविन्द्र अग्रवाल, जितेन्द्र अग्रवाल ने राजस्व अधिकारी तत्कालीन तहसीलदार मनीष देव साहू से साठगांठ कर रविन्द्र अग्रवाल के नाम से अपने स्व. पिता बृजभूषण लाल अग्रवाल की मृत्यु होने और अपने पिता द्वारा लखनलाल, शत्रुहन लाल, रामस्नेही अग्रवाल से 45 खसरा नंबरों की जमीन आठ एकड़ दिनॉक 20.01.1965 को खरीदने से अपने पिता की जगह अपने 13 भाई बहनों का नाम पर फौती दर्ज करवाने आवेदन दिया गया, उनके स्व. पिता बृजभूषण लाल व कथित 60 साल पुराने विक्रय-पत्र के विक्रेता लखनलाल वगैरह का नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज नहीं होने की पटवारी रिपोर्ट आने के बावजूद अभिलिखित विक्रेता अर्थात् लखनलाल वगैरह का नाम विलोपित कर भू माफिया जितेन्द्र अग्रवाल व उसके 12 भाई बहनों के नाम पर मृतक की फौती दर्ज करने का आदेश दिया गया, पटवारी विरेन्द्र झा ने भू माफिया हरमीत सिंह खनुजा से 25 लाख रुपया रिश्वत लेकर खादी भंडार की जमीन शीट नंबर 28 के प्लाट नंबर 1 एवं 2 के बीच कूटरचना कर प्लाट नंबर 1/2 एवं 1/3 बनाकर 1,79,467 वर्गफीट जमीन चढ़ा दिया गया जबकि कानून में बिना बिक्री किए दूसरे की जमीन विभाजित करने का अधिकार राजस्व अधिकारियों को प्राप्त नहीं है भू माफिया की करतूत यहां भी नहीं रुकी फिर रविन्द्र अग्रवाल ने अपने 11 भाई बहनों के नाम पर एक कूटरचित हक त्याग-पत्र बनाया और उसे पंजीकृत होने का आवेदन तत्कालीन तहसीलदार अजय चंद्रवंशी को देकर 11 लोगो का नाम राजस्व अभिलेख से विलोपित करवा भू माफिया हरमीत सिंह खनूजा महासमुन्द एवं अन्य चार के 11 करोड़ के पार्टनर शीप डीड बनाकर पुनः तहसीलदार अजय चंद्रवंशी से बिना आवेदन दिए एक ही दिन में छत्तीसगढ़ शासन राजस्व विभाग के फर्जी आदेश का हवाला देकर राजस्व अभिलेखों में नामांतरण करवा लिया गया, ग्राम सेवा समिति के जनसूचना आवेदन पर छत्तीसगढ़ शासन राजस्व विभाग, जिला एवं उप-पंजीयक मुद्रांक द्वारा लिखकर दिया गया है कि कूटरचित हक त्याग विलेख का पंजीयन नहीं होना तथा राज्य शासन द्वारा पार्टनरशीप डीड के आधार पर नामांतरण का आदेश नहीं होना लिखित जवाब में बताया गया, समिति के पदाधिकारी अध्यक्ष डॉ. सुरेश शुक्ला व मंत्री अजय तिवारी ने बताया कि वर्ष 2008 में ही भू माफिया जितेन्द्र अग्रवाल, आरंग ने समिति की 1.5 एकड़ जमीन का फर्जी नामांतरण तहसीलदार रामटेके व पटवारी मिथलेश पांडे से करवा लिया गया था जिसकी शिकायत समिति द्वारा तत्कालीन कलेक्टर विकास शील से की गई थी जिस पर तत्काल कार्यवाही करते हुए कलेक्टर श्री शील द्वारा जॉच करवा तहसीलदार व पटवारी को निलंबित कर भू माफिया जितेन्द्र अग्रवाल सहित तहसीलदार व पटवारी को जेलयात्रा भी करवा दी थी वर्ष 2010 में भी तत्कालीन कलेक्टर श्री संजय गर्ग ने भी भू माफिया के खिलाफ कड़ी कार्यवाही कर समिति की जमीन भू माफिया के चंगुल से छुड़वाई थी छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (माननीय न्यायाधीश टीपी शर्मा) ने 03.08.2011 को लिखे अपने फैसले में ग्राम सेवा समिति को ही जमीन का असली हकदार व कलेक्टर विकास शील व संजय गर्ग के आदेश को सही माना है।
भू माफियाओं ने शासन को करोड़ो रुपयों के परिवर्तित राजस्व का भी नुकसान किया गया है। भू माफिया हरमीत सिंह खनुजा उर्फ राजू सरदार रायपुर में दो दर्जन जमीन हड़पने के मामले में लिप्त है जिसमें भाजपा के जिला पदाधिकारी की सड्डू की भूमि, महासमुन्द के बाफना परिवार की भूमि, के साथ जोरा, धरमपुरा में 40-40 साल पहले जमीन खरीद कर निर्माण करने वाले परिवारों को परेशान कर करोड़ो रुपयों की वसुली व जमीनों में कब्जा कर परेशान किया जा रहा है।
समिति के पदाधिकारी व सदस्यों ने भू माफियाओं के बढ़ते हौसले व संस्थाओं की जमीनों पर राजस्व अधिकारियों द्वारा की गई कूटरचना के दोषी अधिकारियों को तत्काल निलंबित करने तथा कूटरचित राजस्व अभिलेखों को पूर्ववत् करने सहित अपराधिक प्रकरण दर्ज कर जेल भेजने की मांग की हैl