महासमुंद में 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का भव्य कलश यात्रा के साथ होगा आगाज… संसदीय सचिव की मौजूदगी में हुई बैठक में कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार…

महासमुंद में 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का भव्य कलश यात्रा के साथ होगा आगाज… संसदीय सचिव की मौजूदगी में हुई बैठक में कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार…

December 12, 2022 0 By Central News Service


महासमुंद 12 दिसंबर 2022/ महासमुन्द में होने जा रहे 108 कुंडीय नव चेतना जागरण गायत्री महायज्ञ को लेकर जोरशोर से तैयारी की जा रही है। भव्य कलश यात्रा के साथ गायत्री महायज्ञ का आगाज होगा। संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर की मौजूदगी में रविवार को गायत्री मंदिर में गायत्री परिवार के सदस्यों की हुई बैठक में कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई।


सात फरवरी से दस फरवरी 2023 तक महामसुंद में 108 कुंडीय नव चेतना जागरण गायत्री महायज्ञ का आयोजन होगा। इसके लिए संसदीय सचिव श्री चंद्राकर की उपस्थिति में गायत्री परिवार के सदस्यों की रविवार को गायत्री मंदिर महासमुंद में बैठक हुई। जिसमें कार्यक्रम को लेकर विचार-विमर्श करने के साथ ही कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई है। जिसके तहत भव्य कलश यात्रा निकाली जाएगी। स्थल चयन के साथ ही स्थल में तैयारी को लेकर भी विचार-विमर्श किया गया। इसके अलावा विभिन्न कार्यों के लिए जिम्मेदारी भी तय की जा रही है। 108 कुंडीय नव चेतना जागरण गायत्री महायज्ञ में शांति कुंज केंद्रीय प्रतिनिधियों का आगमन होगा। आयोजन को भव्य तरीके से आयोजित करने हरसंभव तैयारी की जा रही है।

बैठक में प्रमुख रूप से सेवनलाल चंद्राकर, दाउलाल चंद्राकर, प्रभात उपाध्याय, हीरा बंजारे, श्यामकुमार दुबे, ललित कुमार मेश्राम, शंकरलाल देवांगन, रिखीराम साहू, नरेंद्र कुमार नायक, वेदराम साहू, विश्राम साहू, राधे चंद्राकर, जगमोहन साहू, परस सिंह चौहान, रविकांत चंद्राकर, पूर्णिमा साहू, लता साहू, नरेश साहू, धनीराम, भूखन निषाद, गजानंद चंद्राकर, भारत साहू, मुकेश श्रीवास्तव, श्रीकांत नासरे, नीलाराम ठाकुर, बाबूराम साहू, आलोक शुक्ला आदि मौजूद रहे।



शांतिकुंज से प्राप्त शक्ति कलश की पूजा-अर्चना
शांतिकुंज से प्राप्त शक्ति कलश का कमरौद और मामा भांचा में भ्रमण कराया गया। जिसमें समय दानी भुवन साहू, झामु राम पटेल, सेवक राम साहू, विजय दीवान एवं घनश्याम साहू के साथ-साथ बड़ी संख्या में माताओं एवं बहनों के द्वारा शक्ति कलश का पूजा-अर्चना की गई। संध्या के समय दीप यज्ञ किया गया। नवचेतना गायत्री महायज्ञ को सफल बनाने के लिए ग्राम वासियों के द्वारा मंत्र लेखन का कार्य भी किया जा रहा है।