महासमुंद शासकीय माता कर्मा कन्या महाविद्यालय मशरूम उत्पादन इनक्यूबेशन सेंटर विकसित किया जावेगा…

महासमुंद शासकीय माता कर्मा कन्या महाविद्यालय मशरूम उत्पादन इनक्यूबेशन सेंटर विकसित किया जावेगा…

December 12, 2022 0 By Central News Service

महासमुंद 12 दिसंबर 2022 /शासकीय माता कर्मा कन्या महाविद्यालय महासमुंद में सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए नयूनतम निवेश से मशरूम उत्पादन के लिए इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किया जा रहा है जिसके अंतर्गत प्रथम चरण में महाविद्यालय की छात्राओं के लिए 12 से16 दिसंबर तक पांच दिवसीय मशरूम उत्पादन तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया‌ है।

इस कार्यक्रम के शुभ आरंभ पर आज प्राचार्य डॉक्टर एसबी कुमार ने छात्राओं को बताया कि स्टार्टअप व्यवसाय को विकसित करने में मदद करने वाले संस्थानों को इन्क्यूबेशन सेंटर कहा जाता है। इन्क्यूबेशन सेंटर प्रारंभिक चरण (Primary Stage) में स्टार्टअप्स के लिए संजीवनी के सामान होते हैं. ये संस्थान आम तौर पर स्टार्टअप्स को व्यापारिक एवं तकनीकि सुविधाओं, सलाह, प्रारंभिक विकास निधि जुटाने (Seed Funding), नेटवर्क (Network) और सम्बन्ध (Connections),प्रयोगशाला की सुविधा (Labs), सलाह और सलाहकार समर्थन (Consultancy Services) जैसी सुविधाएं प्रदान करते हैं।


इस अवसर पर कार्यक्रम के समन्वयक एवं विभाग अध्यक्ष डॉ स्वेतलाना नागर ने छात्राओं को मशरूम के संबंध में जानकारी प्रदान कि मशरूम एक कवक है जो स्वादिष्ट एवं पौष्टिक सब्जी के रूप में प्रयुक्त होता है, इसमें कार्बोहाइड्रेट एवं चर्बी की मात्रा कम तथा प्रोटीन की प्रचुर मात्रा, खनिज लवण और विटामिन जैसे उच्च स्तरीय गुण उपस्थित होते हैं। |इसको बिना मृदा के धान के पुआल एवं गेहूं के भूसे आदि पर सुगमता से उगाया जा सकता है |इसके लिए उचित तापमान 22-30॰ तथा आद्रता 80-90॰ उपयुक्त पाई जाती है इसके तीन प्रकार है – बटन, पैडी स्ट्रा, ढींगरी। हमारे देश में मशरूम को खाने के अलावा औषधि के रूप में भी उपयोग में लाया जाता है इनमें एंटी कैंसर, एंटीडायबिटीक, एंटी ऑक्सीडेंट एवं प्रतिरक्षा तंत्र को बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं | मशरूम के उपयोग से अनेक प्रकार की खाने की चीज़ो को जैसे :- नूडल्स, जैम (अंजीर मशरूम), ब्रेड, खीर, कूकीज, सेव, बिस्किट, चिप्स, जिम का सप्लीमेन्ट्री पाउडर, सूप, पापड़, सॉस, टोस्ट, चकली आदि को बनाया जाता है | इसकी अलग-अलग किस्मो को पूरे वर्षा उगाया जा सकता है।


सरकार द्वारा मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानो को कृषि विश्वविद्यालयों और अन्य प्रशिक्षण संस्थाओं में मशरूम की खेती करने की विधि, मशरूम उत्पादन, मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण, मशरूम बीज उत्पादन तकनीकी प्रसंस्करण आदि विषयो पर सहायता प्रदान की जा रही है | इसके अतिरक्त राज्य सरकारे मशरूम की खेती करने के लिए किसानो को 50 प्रतिशत का लागत अनुदान देती है | जिससे ग्रामीण महिलाएं , किसान, बेरोजगार युवा घर बैठे कम लागत में स्वयं का उद्यम स्थापित कर सकते हैं इसी प्रयास के अंतर्गत महाविद्यालय अपने निकटतम गांव की महिलाओं को मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण देखकर उन्हें उद्यम स्थापित करने में भरपूर मदद करने का प्रयास करेगा।

आज के प्रशिक्षण कार्यक्रम में महाविद्यालय की एलुमनी सुश्री प्रेरणा कापसे सुश्री साक्षी अग्रवाल ने महाविद्यालय की 30 छात्राओं को रासायनिक विधि से ओयस्टर मशरूम उत्पादन के लिए स्पान तैयार करने की प्रक्रिया का प्रशिक्षण दिया। राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई कार्यक्रम अधिकारी डॉ सरस्वती वर्मा ने ग्रामीण महिलाओं के लिए आजीविका के साधन कुपोषण दूर करने के लिए मशरूम की महत्व बताया। महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं स्टाफ उपस्थित रहे।