हड़ताल…..स्कूलों में आज से पढ़ाई ठप … मध्यान्ह भोजन भी नहीं मिल पाएंगे बच्चों को…DA और HRA की मांग पर आज से स्कूल एवं कार्यालयों में तालाबंदी…

हड़ताल…..स्कूलों में आज से पढ़ाई ठप … मध्यान्ह भोजन भी नहीं मिल पाएंगे बच्चों को…DA और HRA की मांग पर आज से स्कूल एवं कार्यालयों में तालाबंदी…

July 25, 2022 0 By Central News Service

रायपुर 25 जुलाई 2022/ आज से स्कूलों में तालाबंदी होते ही एक बार पढ़ाई फिर ठप हो जाएगी। महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के आधार पर गृहभाड़ा की गणना की मांग पर प्रदेश के चार लाख से भी अधिक शासकीय कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल पर है। 25 से 29 जुलाई तक चलने वाले इस निश्चित कालीन आंदोलन में राज्य के 2 लाख शिक्षक सहित अन्य विभागों के लाखों अधिकारी कर्मचारी शामिल होंगे। आंदोलन में शामिल सभी संगठन हड़ताल में जाने की लिखित सूचना उच्च कार्यालय को दे चुके है। स्कूल में शिक्षक नहीं पहुंचेंगे जिस कारण पढ़ाई के साथ – साथ बच्चों को मध्यान्ह भोजन भी नहीं मिल पाएगा।

सरकारी स्कूलों में अभी पढ़ाई रफ़्तार ही पकड़ी थी कि राज्य के चार लाख से भी अधिक कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे है। कोरोना काल के बाद स्कूलों में एक बार फिर अच्छी पढ़ाई होना शुरू हो गया था। लंबित महंगाई भत्ता के मुद्दे पर राज्य सरकार द्वारा कोई ध्यान नहीं देने के कारण मज़बूरी वश राज्य के कर्मचारी चरणबद्ध आंदोलन पर है। आंदोलन के तीसरे चरण में 25 जुलाई से 29 जुलाई तक 5 दिवसीय आंदोलन किया जा रहा है। ज्ञात हो कि प्रदेश के कर्मचारी लम्बे समय से महंगाई भत्ता की मांग करते आ रहे है। केंद्र सरकार एवं अन्य राज्यों के कर्मचारियों के तुलना में छत्तीसगढ़ के कर्मचारी को काफी कम महंगाई भत्ता दिया जा रहा है।

तीन शिक्षक संगठनों ने बेमुद्दत हड़ताल की घोषणा – लंबित डीए और एचआरए की मांग को लेकर छत्त्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन , छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ और नवीन शिक्षक संघ ने 25 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल में जाने की घोषणा की है। टीचर्स एसोसिएशन के प्रांताध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि डीए और एचआरए की मांग अनिश्चिकालीन हड़ताल के बिना पूरा नहीं होगी। इस लिए शिक्षक संगठनों ने बेमुद्दत हड़ताल की घोषणा की है। इसका समर्थन अन्य सरकारी संगठन भी कर रहा है।

डीए लटकाने से प्रतिमाह 15 हजार तक का नुकसान – राज्य के शासकीय कर्मचारियों को केंद्र के सामान 34 फ़ीसदी महंगाई भत्ता नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण प्रत्येक शासकीय कर्मचारियों को 5 हजार से लेकर 15 हजार रुपये तक प्रतिमाह आर्थिक हानि हो रही है। वही राज्य के कर्मचारियों का सातवें वेतनमान का एरियस दो किस्तों है। उसको भी कई वर्षों से दबा के रखा गया है। कई कर्मचारी नेताओं ने राज्य सरकार को कर्मचारी विरोधी सरकार होने का आरोप लगाया है।